सक्ति, छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ /
सक्ति जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के महत्वपूर्ण पद पर एक परिवीक्षाधीन (Provisional) डॉक्टर, श्रीमती पूजा अग्रवाल की नियुक्ति ने स्वास्थ्य विभाग में हलचल मचा दी है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब जिले में कई वरिष्ठ और अनुभवी चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध हैं, जो लंबे समय से शासन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इस फैसले से स्वास्थ्य कर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच गहरी नाराजगी और चर्चा का माहौल है।
मिली जानकारी के अनुसार, श्रीमती पूजा अग्रवाल वर्ष 2022 बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में अपनी परिवीक्षाधीन अवधि में हैं। इसके बावजूद उन्हें जिले जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपना, कई लोगों को नागवार गुजर रहा है। विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय वरिष्ठता और अनुभव को पूरी तरह से दरकिनार करता है।
वरिष्ठ अधिकारियों में निराशा का माहौल
शासन के इस अप्रत्याशित कदम से कई वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी खुद को आहत महसूस कर रहे हैं। वर्षों के अनुभव और समर्पण के बाद भी उन्हें नजरअंदाज कर एक प्रोविजनल अधिकारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना, उनके मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या जिले में एक भी परमानेंट और अनुभवी अधिकारी ऐसा नहीं था, जो इस पद को संभालने में सक्षम होता?
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने भी उठाई आपत्ति
इस मामले में केवल वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। संघ का कहना है कि इस तरह की नियुक्तियां पारदर्शिता और योग्यता के मानदंडों पर सवाल खड़े करती हैं। संघ ने शासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और वरिष्ठता तथा अनुभव को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
क्या शासन लेगा संज्ञान?
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या शासन इस पूरे मामले को संज्ञान में लेगा? क्या वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी और संघ की आपत्तियों पर गौर करते हुए नियुक्ति पर पुनर्विचार किया जाएगा? या फिर एक प्रोविजनल अधिकारी ही शक्ति जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की कमान संभालेगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और अनुभवी अधिकारियों के सम्मान का यह मामला अब सबकी निगाहों में है।