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खाद्य आयोग अध्यक्ष के दुर्ग दौरे से पहले उठे सवाल — क्या विभाग छुपाएगा राशन घोटालों की सच्चाई? छह माह से "तारीख पर तारीख" का खेल, 8 करोड़ शुल्क वसूली अब तक अधर में Featured

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10 अक्टूबर को संदीप शर्मा करेंगे दुर्ग का दौरा, निरीक्षण सूची में ‘चुने हुए ईमानदार संचालक’?— विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर सवाल

दुर्ग। शौर्यपथ।
  छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा शुक्रवार 10 अक्टूबर को दुर्ग जिले के दौरे पर रहेंगे। आयोग द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार वे दुर्ग में विभागीय समीक्षा बैठक एवं राशन दुकानों का निरीक्षण करेंगे। लेकिन उनके दौरे से पहले ही जिला खाद्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।
  जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले की कई शासकीय राशन दुकानों में मार्च–अप्रैल माह के भौतिक सत्यापन के दौरान सैकड़ों किलो सरकारी चावल कम पाया गया था, जिस पर स्पष्ट अनियमितताओं के प्रकाश में आने के बावजूद अब तक किसी भी संचालक पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग लगातार “तारीख पर तारीख” देकर मामले को लटकाता रहा है, जबकि नियमों के अनुसार जिन दुकानों में खाद्यान्न कम पाया जाता है, उनसे शासन द्वारा निर्धारित शुल्क वसूला जाना चाहिए।
  शौर्यपथ समाचार द्वारा पूर्व में प्रकाशित खुलासे में यह भी सामने आया था कि ऐसे मामलों में विभाग को लगभग ₹8 करोड़ की वसूली करनी थी, मगर छह माह बीत जाने के बाद भी किसी भी संचालक से राशि की वसूली नहीं हुई। उल्टा, कई दुकानों में खुलेआम पीडीएस चावल की खरीद-फरोख्त चल रही है और संचालक अपने स्टॉक की पूर्ति काला बाजारी से कर रहे हैं।
  सूत्रों के अनुसार, खाद्य विभाग अब आयोग के अध्यक्ष के दौरे के पहले केवल “साफ-सुथरी दुकानों” की सूची तैयार कर रहा है, ताकि निरीक्षण के दौरान विभाग की छवि पर कोई आंच न आए। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के कार्यक्रम को औपचारिकता में बदलने की तैयारी में हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि —
  क्या राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा को विभाग वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगा, या फिर उन्हें तैयारशुदा रिपोर्ट और दिखावटी निरीक्षण के जरिए गुमराह करने का प्रयास किया जाएगा?
 दुर्ग जिले में हाल ही में पदभार संभालने वाले जिला खाद्य अधिकारी भदौरिया जी के लिए यह पहला बड़ा अवसर होगा, जहां उनकी निष्पक्षता और कार्यकुशलता की परख होगी।
  अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 10 अक्टूबर को होने वाला खाद्य आयोग का निरीक्षण वास्तविक सच्चाई उजागर करेगा या सिर्फ़ औपचारिकता साबित होगा। जनता और मीडिया की निगाहें अब पूरी तरह इस दौरे पर टिकी हैं।

नहीं थम रही पीडीएस चावल की कालाबाजारी: भौतिक सत्यापन के बाद भी विभागीय ढिलाई, जिम्मेदारों पर कार्रवाई अब तक अधर में


https://shouryapathnews.in/khas-khabar/33930-2025-07-05-05-29-55

 

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शौर्यपथ