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“प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ को दी नई विधानसभा भवन की सौगात – रजत जयंती पर कहा, ‘राम से राष्ट्र तक, यह लोकतंत्र का स्वर्णिम पर्व है’” Featured

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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री ने किया नए विधानसभा भवन का लोकार्पण, अटल जी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा – ‘छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास, समृद्धि और सुशासन का प्रतीक बन चुका है।’

रायपुर / शौर्यपथ विशेष संवाददाता
    छत्तीसगढ़ की रजत जयंती समारोह के शुभ अवसर पर आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश की जनता को नए विधानसभा भवन की ऐतिहासिक सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “यह केवल एक भवन का उद्घाटन नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जन-आकांक्षा, जन-संघर्ष और जन-गौरव का उत्सव है।”राज्य की नई पहचान बने इस भव्य, आधुनिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विधानसभा परिसर के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राज्यपाल रमन डेका, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, तथा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

? “यह भवन लोकतंत्र का तीर्थ स्थल है” — प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा —“यह भवन केवल ईंट और पत्थर का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आस्था का मंदिर है। इसका हर स्तंभ पारदर्शिता का प्रतीक है, हर गलियारा जवाबदेही की याद दिलाता है, और हर कक्ष जनता की आवाज़ का प्रतिबिंब है।”
उन्होंने कहा कि यह नया परिसर आने वाले दशकों तक छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने इस अवसर को “राज्य की विकास यात्रा का स्वर्णिम अध्याय” बताया और कहा कि “आज छत्तीसगढ़ अपने स्वप्न के नए शिखर पर खड़ा है।”

? “अटल जी, आपका सपना साकार हुआ है”

श्री मोदी ने अपने भाषण में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को विशेष रूप से स्मरण करते हुए कहा —
“साल 2000 में जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया, तो वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान देने का निर्णय था। आज जब हम इस भव्य विधानसभा और अटल जी की प्रतिमा का अनावरण कर रहे हैं, तो लगता है जैसे अटल जी स्वयं इस गौरव के साक्षी बनकर मुस्कुरा रहे हैं।”

? “संविधान सभा के मनीषियों को नमन”

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय गणराज्य के अमृत वर्ष का उल्लेख करते हुए संविधान सभा के उन महान विभूतियों को भी नमन किया, जिन्होंने छत्तीसगढ़ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था —
रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, घनश्याम सिंह गुप्त, किशोरी मोहन त्रिपाठी, रामप्रसाद पोटाई, और रघुराज सिंह —
इनका स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि “इन विभूतियों ने बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाई थी।”

? “संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का संगम है नया सदन”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नया विधानसभा भवन “छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और लोककला का जीवंत प्रतीक” है। उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि
“इस भवन में बस्तर आर् की झलक है, दीवारों में गुरु घासीदास जी का ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश है, संत कबीर की सच्चाई है, माता शबरी की आत्मीयता है, और महाप्रभु वल्लभाचार्य का ‘नर सेवा ही नारायण सेवा’ का संकल्प है।”उन्होंने आगे कहा कि “मुरिया दरबार”, जो बस्तर की आदिम संसद कही जाती है, उसकी परंपरा को भी इस विधानसभा में स्थान देकर लोकतंत्र की जननी भारत की असली आत्मा को साकार किया गया है।

? “राम से राष्ट्र – सुशासन और समरसता का संकल्प”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का सबसे भावनात्मक हिस्सा ‘राम से राष्ट्र’ के विचार पर केंद्रित किया। उन्होंने कहा —
“यह छत्तीसगढ़ तो भगवान श्रीराम का ननिहाल है। श्रीराम के आदर्श हमें सिखाते हैं कि शासन का लक्ष्य केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा, सुशासन और जनकल्याण है। रामराज का अर्थ है — सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।”
उन्होंने कहा कि “राम से राष्ट्र का अर्थ है वह भारत, जहां कोई गरीब न हो, कोई दुखी न हो, जहां हर नागरिक सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।”⚔️ “भारत आतंक और नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक विजय की ओर”
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर और नक्सलवाद के विरुद्ध हो रही निर्णायक सफलता का उल्लेख करते हुए कहा —“भारत आज आतंक और नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक विजय के पथ पर है। कभी हिंसा और भय से घिरे क्षेत्र आज विकास और शांति के प्रतीक बन रहे हैं। बस्तर ओलंपिक इसका जीवंत उदाहरण है।”

? “2047 तक विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की बड़ी भूमिका”

प्रधानमंत्री ने रजत जयंती को एक नई शुरुआत बताते हुए कहा —“2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब छत्तीसगढ़ विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के भाग्य निर्माण का प्रखर केंद्र है।”उन्होंने विधायकगणों से आह्वान किया कि “आप ऐसी व्यवस्था बनाएं, जो देश के हर राज्य के लिए प्रेरणा बने। जहां हर निर्णय किसान, युवा और नारीशक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में उठाया जाए।”

✨ समापन संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र की आत्मा को नमन करते हुए अपने संबोधन का समापन इन शब्दों से किया —“लोकतंत्र में कर्तव्य सर्वोपरि है। इस नए विधानसभा भवन के लोकार्पण का अर्थ है जनता की सेवा के संकल्प को और दृढ़ करना। आइए, हम सब ‘जनता-जनार्दन’ की सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाएं।”उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को इस कल्पना को साकार करने के लिए बधाई दी और कहा —“जय भारत, जय छत्तीसगढ़!”


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शौर्यपथ