दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला न्यायालय छत्तीसगढ़ प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान रखता है। चाहे वह वकीलों हित में आंदोलन को लेकर हो या प्रदेश की राजनीति में दुर्ग न्यायालय के अधिवक्ता प्रतिनिधित्व करता है। इस समय जिला न्यायालय दुर्ग कोविड -19 वायरस से लड़कर पूरी तरह से खुला है। न्यायालय में पक्षकारों की भीड़ चारों तरफ देखा जा सकता है । पक्षकारो के वाहन पार्किग को लेकर प्रतिदिन पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करने वालों से विवाद होता रहता है। अवैध वसूली करने वाले प्रतिदिन पक्षकारो से अभद्र व्यवहार व टिप्पणी करते है।
जिला न्यायालय के चतुर्थ कर्मचारियों के कल्याण के लिए पार्किंग का संचालन किया जाता है जिसे कर्मचारियों के द्वारा प्रतिदिन का एक निर्धारित दर/शुल्क पर ठेके पर दे दिया जाता था। कोविड-19 के लॉक डाउन में न्यायालय भी स्थगित करनी पड़ी थी, जिसके कारण पार्किंग ठेके पर नही दिया गया था। जैसे ही न्यायालय फिर से खुला कुछ लोगों के द्वारा पक्षकारो से वाहन पार्किग के नाम पर वसूली बदस्तूर जारी कर रखा है।
अवैध वसूली करने वाले लोगों ने जिसके द्वारा वाहन पार्किंग संचालन किया जाना बताया वह कांग्रेस की टिकिट पर पार्षद बनने की इच्छा जागृति कर पार्षद टिकिट के लिए आवेदन किया था, लेकिन किसी कारण टिकिट नही मिला था।
दुर्ग न्यायालय में कई पक्षकारो से हमारे सूत्रों ने बात की तो उन्होंने कहा कि व्यक्ति न्यायालय में कई तरह की परेशानी से जूझ रहा होता है ऐसे में इन तरह के लोगों से विवाद कर और परेशान नही होना चाहता। न्यायालय के सभी गेट पर तैनात है वाहन पार्किंग पर पैसा लेने वाले तैनात है तो कहा रखेगे वाहन समस्या है इसलिए चुपचाप अवैध वसूली करने वालों को पैसा देना पड़ता है।
ज्ञानी वर्ग भी खामोश क्यों बड़ा सवाल..?
जब हमने अवैध पार्किंग ठेकेदार शेखर साहू से हमारे प्रतिनिधि ने बात किया तो उसने बताया कि अधिवक्ता संघ के निर्देश पर पार्किंग संचालन करने की बात कही और इस बात की पुष्टि की की पार्किंग के लिए ठेका नही दिया गया है व्यवस्था बनाने के बदले पार्किंग शुल्क वसूल रहे है।
अधिवक्ता संघ ने कहा किसी को नही दिया है पार्किंग के नाम पर वसूली करने का अधिकार
अवैध पार्किंग वसूली कर रहे ठेकेदार के द्वारा कहे गए बातों की पुष्टि के लिए हमारे प्रतिनिधि ने अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गुलाब पटेल और सचिव रविशंकर से बात किया तो उन्होंने इस तरह के पार्किंग वसूली करने के लिए किसी तरह की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया।