दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग कांग्रेस की राजनीति के सालो से सर्वेसर्वा रहे दुर्ग के तीन बार के विधायक अरुण वोरा की छवि दुर्ग में साफ़ सुथरी है . शहर के विकास कार्यो के लोकार्पण में अग्रणी , विधायक निधि से जनहित में जगह जगह प्रतीक्षालय बनवाने , निगम के अधिकतर कार्यो की अनुशंषा करने वाले विधायक अरुण वोरा की दुर्ग शहर में पहचान है . किन्तु इन्ही के एक कट्टर समर्थक और एक दिन का मुख्यमंत्री बन्ने का ख्वाब देखने वाले वार्ड ४२ के पूर्व पार्षद जो सदा से ही विवादों में रहे है कई भ्रष्टाचार इनके काल में हुए है ऐसे प्रकाश गीते जो सडको पर सडक बनवाने में फर्जी राशन कार्ड के सहारे बैंक से लोन पाने में सफल हुए जिनकी जाँच की जिम्मेदारी अधिकारी स्तर के पुलिस अधिकारी को दी गयी थी बावजूद इसके सिपाही स्तर के जवान से जाँच हुई , जिनके पार्षद काल में निगम के बुलडोजर से किसी की निजी सपत्ति को धराशायी किया गया जिसकी रिपोर्ट भी हुई किन्तु जाँच लंबित ऐसे पूर्व पार्षद का एक और कारनामा सामने आया है किन्तु इस पर भी किसी तरह की कार्यवाही अभी तक नहीं हुई और मामले को दबा दिया गया . क्या दुर्ग विधायक के संरक्षण में ये सारा कार्य हो रहा है और पूर्व पार्षद के भर्ष्टाचार की फाइल को दबाने की कोशिश हो रही है . या फिर इन मामलो की जानकारी विधायक को भी नहीं है और ख़ास समर्थक होने का फायदा प्रकाश गीते उठा रहा है एवं जनता के पैसे का उपयोग निजी कार्यो में / कमीशन के फेर में किया जा रहा है .
मामला है वार्ड नम्बर ४२ में ओपन गर्दन के निर्माण का . किसी भी वार्ड में गर्दन , सडक , नाली , पानी वार्ड की मुलभुत जरूरतों में आती है और वार्ड की जनता को अपने पार्षद से यही उम्मीद रहती है कि वार्ड में इन सब आवश्यक्ताओ की पूर्ति हो किन्तु सड़क की जगह में नाली , नयी सडक पर पुनह नई सडक का निर्माण , मैदान में कब्ज़ा , सडक पर उद्यान बनाना कहा तक सही है . यही हो रहा है वार्ड नम्बर ४२ में . वार्ड नम्बर ४२ में दो साल पूर्व एक उद्यान का निर्माण हुआ निर्माण में लगत जो लगती है वो शासकीय होती है ऐसे में शासकीय जमीन पर ही उद्यान बनाया जाना उचित होता है किन्तु वार्ड के तात्कलिक पार्षद प्रकाश गीते द्वारा और वार्ड के तात्कालिक एवं विवादित सब इंजिनियर व्ही.पी. मिश्रा द्वारा ऐसी जगह उद्यान का निर्माण करा दिया गया है जो आम रास्ता है . जी हाँ आम रास्ता . वार्ड ४२ में बड़ा शिव मंदिर के रोड से आगे दो गली को जोड़ने वाली पक्की आरसीसी रोड जिसकी चौड़ाई लगभग ६ मीटर है इस पक्के रोड पर अतिक्रमण कर उद्यान बना दिया गया जिसका आस पास के लोगो द्वारा काफी विरोध भी हुआ किन्तु आस पास के निवासियों के कहे अनुसार विधायक के करीबी होने का धौस दिखा कर इस उद्यान का निर्माण करवाया गया और शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी दुर्ग निगम के काबिल होनहार ईमानदार और कार्य के प्रति पूर्ण निष्ठां की बात कहने वाले सब इंजिनियर व्ही.पी. मिश्रा द्वारा इस उद्यान का निर्माण करवाया गया . सरकार जहां एक और रास्ता चौडीकरण का प्रयास करती है वही दुर्ग के इस सब इंजिनियर द्वारा पक्के बने रास्ते को ही बंद कर उद्यान बना दिया गया जिसकी लागत भी करीबन ५-६ लाख बतायी जा रही है .
आखिर किस नियम के तहत ये आम रास्ता को बंद कर उद्यान बनाया गया क्या सब इंजीयर के निर्माण के पहले जमीन की स्थिति की जाँच नहीं की क्या इस निर्माण में कमीशन का खेल चला क्या शासन के पैसे को बेवजह निर्माण में खर्च करने और उद्यान की अनुशंषा करने वाले तात्कालिक पार्षद पर निगम प्रशासन संज्ञान लेकर कार्यवाही करेगा . क्या शहर के हित की बात करने वाले विधायक वोरा मामले की निष्पक्ष जाँच की बात कहेंगे क्योकि दुर्ग निगम के हर कार्य की मंशा विधायक वोरा द्वारा ही होती है जैसा कि निगम के प्रेस विज्ञप्ति से जाहिर होता है अता मामले को संज्ञान लेनौर निष्पक्ष जाँच की पहल विधायक ही कर सटे है क्योकि विधायक के निति और नियमो निर्देशों का पालन शहर के महापौर करते है . क्या दुर्ग के वार्ड ४२ में सडक पर निर्मित इस उद्यान में हुए भर्ष्टाचार की जाँच होगी ? पीडब्ल्यूडी विभाग में भार्शताचार को ख़त्म करने की बात कहने वाले प्रभारी अब्दुल गनी क्या मामले पर निष्पक्ष जाँच की अनुशंषा करेंगे ? क्या दुर्ग निगम के नए आयुक्त हरेश मंडावी मामले को संज्ञान लेकर इसकी विभागीय जाँच के आदेश देंगे ? या फिर फर्जी राशन कार्ड के जरिये बैंक से लाखो का लोन निकालने वाले मामले को जिस तरह से दबा दिया गया है उसी तरह से इस मामले को भी दबाया जाएगा ....