दुर्ग / शौर्यपथ / १५ साल बाद सत्ता में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी और मुखिया बने भूपेश बघेल . भूपेश बघेल में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटो के भीतर अपने सबसे बड़े चुनावी वायदा किसानो का ऋण माफ़ को जमीनी स्तर पर सार्थक कर दिखाया , पिछले ३ सालो से किसानो को समर्थन मूल्य पर एवं राजीव गाँधी न्याय योजना के रूप में २५०० रूपये मूल्य से धान खरीदी का वायदा पूरा कर रहे है , प्रदेश के उखिया ने नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना की शुरुवात की जिसे काफी सफलता मिली , गाँव में शहरो में गोठान का निर्माण करवा कर गोधन की रक्षा में एक सार्थक कदम बढाया , वनोपज को भी वादा अनुसार भूपेश सरकार ने खरीदा , गोबर खरीदी कर कई किसानो को और गोधन मालिको को लाभ पहुँचाया , बिजली बिल हाफ का वादा पूरा किया ऐसे कई वादे है जिन्हें भूपेश सरकार ने पूरा किया . भुपेशा सरकार के वादों को पूरा करने का प्रतिफल आम जनता ने निकाय चुनाव में भी भरपूर दिया और प्रदेश में पहली बार ११ नगरीय निकाय में कांग्रेस की सरकार का गठन हुआ .
कोई भी सरकार हो अपनी योजनाओं को अपनी सफलताओ का प्रचार प्रसार करती है और इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने भी अपनी योजनाओं की सफलता का प्रचार करने के लिए लाखो करोडो की प्रसार सामग्री को आम जनता के लिए निकायों द्वारा बंटवाने का कार्य किया किन्तु प्रदेश में दुर्ग निगाम्म प्रशासन को शायद छत्तीसगढ़ के मुखिया की प्रसार सामग्री रास नहीं आयी और दुर्ग निगम में पहुंची प्रसार सामग्री को बंटवाने के बजाये रद्दी के ढेर में बदल दिया .
शौर्यपथ समाचार पत्र ने जब यह मामला प्रमुखता से उठाया तो शहरी सरकार के मुखिया महापौर धीरज बक्लिवालने सभी कार्यालयों का निरिक्षण किया एवं प्रसार सामग्री के ढेर को देख कर अधिकारियों को फटकार लगाए . आनन फानन में अधिकारियों ने प्रसार सामग्री जो २०१९-२०२०-२०२१ की थी उसे अलग अलग बण्डल बना कर पार्षदों के घरो में भिजवा दिया इस बात को आज चार दिन बीत जाने के बाद भी यह प्रसार सामग्री पार्षदों के घर ही राखी है इसे बंटवाने का इंतजाम ना तो निगम के जिम्मेदार अधिकारी कर रहे है और ना ही इओस बात को संज्ञान में लेकर दुर्ग निगम के हर कार्य में श्रेय लेने वाले कांग्रेस के विधायक अरुण वोरा कर रहे है .
क्या दुर्ग निगम के इस कार्य पर जिला के कलेक्टर मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जाँच करेंगे और पिछले तीन सालो से अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे क्योकि मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री की योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने का है जिसे समय पर दुर्ग निगम के अधिकारी नहीं कर पाए .