दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में जब से ईई के पद में मोहन पुरी गोस्वामी आए हैं तब से निगम के कार्यों में अनियमितता देखी जा रही है मोहन पुरी गोस्वामी द्वारा ऐसे कई कार्य किए हैं जो व्यर्थ तो है ही अपितु संबंधित विभाग से बिना जानकारी लिए शासन के पैसे का दुरुपयोग करते आ रहे हैं जिसका परिणाम यह है कि साल भर पहले निगम के मद से लाखों रुपए के डिवाइडर का रंग रोगन का कार्य किया गया जबकि यह डिवाइडर जिला के पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आता है रंग रोगन के कुछ महीनों बाद ही पीडब्ल्यूडी विभाग ने डिवाइडर की मरम्मत का कार्य किया वही मोहन पुरी गोस्वामी द्वारा दुर्ग के विधायक निधि का भी खुलकर दुरुपयोग कर रहे हैं इसका साक्षात प्रमाण पुलगांव चौक से लेकर साइंस कॉलेज चौक तक का देखने को मिलेगा इस मार्ग में पिछले साल काफी विवादों के बाद आखिरकार विधायक निधि से चार से पांच प्रतीक्षालय बना दिए गए हैं जिसमें लाखों रुपए का खर्चा विधायक निधि से हो गया अब जबकि सड़क चौड़ीकरण का कार्य जोरों पर है यह सारे प्रतीक्षालय टूटने की कगार में है .
अगर निगम के ईई मोहन पुरी गोस्वामी पीडब्ल्यूडी विभाग से सामंजस्य बैठाकर कार्य करते तो उन्हें यह ज्ञात होता कि भविष्य में यह रोड चौड़ीकरण में आने वाला है जिसके कारण सड़क के किनारे बनने वाले सभी प्रतीक्षालय टूट जाएंगे और आज ऐसा ही हो रहा है इस तरह जनता के पैसे जो विधायक अपने विवेक से जनता के हित में खर्च करते हैं ऐसे निधि का दुरुपयोग हुआ और लाखों रुपए बर्बाद हो गए।
बता दे कि दुर्ग शहर के विधायक अरुण वोरा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बात कहते हैं कि उनकी सालों की मेहनत का परिणाम है यह सड़क चौड़ीकरण है इसका अर्थ यह है कि दुर्ग विधायक अरुण वोरा को ज्ञात था कि सड़क आज नहीं तो कल चौड़ी होनी है ऐसे में विधायक निधि से बनने वाले यह नए प्रतीक्षालय जिस पर विपक्षी दल भाजपा ने भी काफी विरोध किया था बावजूद इसके पुराने प्रतीक्षालय को तोड़कर उसी स्थान पर नए प्रतीक्षालय बनाने में मोहन पुरी गोस्वामी ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक निधि किसी नव निर्माण में उपयोग होती है बावजूद इसके दुर्ग निगम के मोहन पुरी गोस्वामी द्वारा पुराने प्रतीक्षाले जिनकी हालत अच्छी थी उसे तोड़कर नए प्रतीक्षालय बना कर यह दर्शा दिया गया की उनकी जिद के आगे कोई नहीं और वह जैसा चाहे वैसे राजस्व के पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बड़ा सवाल यह है कि दुर्ग शहर के विधायक अरुण वोरा जो अपने आप को जनता का हितैषी कहते हैं और जो आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पटेल चौक से साइंस कॉलेज तक सड़क चौड़ीकरण को अपने सालों की मेहनत बता रहे हैं ऐसे में आखिर क्या सोचकर पिछले साल विधायक निधि से लाखों रुपए के प्रतीक्षालय बनाने की अनुमति दे दी क्या इस मामले में दुर्ग निगम के मोहन पुरी गोस्वामी शहर के विधायक को अंधेरे में रखकर गलत जानकारी देकर कार्य करवाएं या फिर साल भर के लिए ही सही विधायक के फोटो और तख्ती प्रतीक्षालय में लगकर प्रचार के लिए उपयोग किया गया . क्या एक जनप्रतिनिधि को इस तरह जनता के पैसे जो शासन ने एक निधि की तौर पर जनता के हित के लिए दिए हैं ऐसे पैसों का उपयोग ऐसे स्थानों पर करें जो औचित्य हीन हो अगर मोहन पुरी गोस्वामी द्वारा विधायक को अंधेरे में रखकर यह कार्य किया गया है तो क्या दुर्ग के विधायक मामले को संज्ञान में लेकर इसकी निष्पक्ष जांच करवाएंगे या फिर स्वयं विधायक अरुण वोरा को यह ज्ञात नहीं था कि भविष्य में यह सड़क चौड़ीकरण का कार्य होना है अगर ऐसा है तो फिर विधायक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर क्यों यह कह रहे हैं कि सड़क चौड़ीकरण का यह प्रयास उनका सालों का था आज जनता विधायक से सवाल कर रही है कि आखिर सच क्या है