दुर्ग / शौर्यपथ /
गुरुवार को दुर्ग शहर सीएसपी विवेक शुक्ला की टीम के द्वारा ऐसा कार्य किया गया जिसकी खबर लगते ही ऐसा लगा कि अब दुर्ग शहर में अवैध गुटखे के व्यापारियों पर कुछ लगाम लगेगी किन्तु लाखो के अवैध गुथ्खे को जप्त करने के बाद भी मोहन नगर पुलिस द्वारा कुछ ऐसी कार्यवाही की गए जिससे शहर के निवासियों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है .
बता दे कि सोमनी क्षेत्र के आस पास से एक ट्रक सी जी 24 एन 1453 वाहन में साबुन के आड़ में लगभग 150 बोरी के करीब सितार गुटखा लाया गया और इसे जवाहर नगर के ओम प्रकाश के निवास में उतारने की तैयारी कर रहे थे तभी सिटी एस पी विवेक शुक्ला की टीम ने वाहन को पकड लिया और कार्यवाही के लिए मोहन नगर थाना लाया गया . मोहन नगर थाना में वाहन चालक सहित चार लोगो को लाया गया . मिडिया को दिए जानकारी में मोहन नगर थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा ने बताया कि नगर पुलिस अध्क्षक विवेक शुक्ला के मार्गदर्शन में यह कार्यवाही की गयी है . वाहन में रखे गुटखे को जब्त कर लिया गया है और इसे खाद्य एवं औषधि विभाग जाँच के लिए भेजा जायेगा .
सभी प्रकार के पान मसाले में 26 जून 2020 से 21 जुलाई तक के लिए लगा है बैन
छत्तीसगढ़ में 2012 से जर्दा युक्त गुटखा पर बैन लगा हुआ है जिसेप्रती साल एक साल के बदाय जाता रहा है किन्तु पिछले साल कोरोना आपदा के चलते सभी प्रकार के गुटखे जिसमे पान मसाला गुटखा शामिल है इस पर 21 जुलाई तक के लिए बैन लगा दिया गया है ऐसे में लगभग 150 बोरी गुटखे के जखीरे को पकडऩे के बाद भी मोहन नगर पुलिस द्वारा यह जानने की कोशिश नहीं की गयी कि इतनी मात्रा में गुटखा लाने वाला वहां चालक इसे कहा से ला रहा है और यह किसके कहने से जवाहर नगर के उस मकान में खाली हो रहा है जिसमे पहले से एक परिवार निवास करता है .
जानकारों के मुताबिक़ अवैध पदार्थ परिवहन करने वाले वाहन की भी जब्ती होती है और इसे माननीय न्यायालय से ही चालन जमा कर छुड़ाया जाता है किन्तु इतने बड़े मात्र में गुटखा परिवहन करने वाले वाहन को एवं चालको को छोड़ दिया जाना आम जनता को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पुलिस किस तरह की कार्यवाही करती है . पूर्व में भी शहर के दुकानों में ऐसे जर्दा युक्त गुटखे के विक्रय पर निगम की टीम , खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम और पुलिस टीम ने कार्यवाही की है एवं सील बंदी से लेकर गिरफ्तारी तक की है जबकी दुकानों में दो चार बोरी गुटखा ही पाया जाता रहा है किन्तु यहाँ 100 से ज्यादा बोरी सितार गुटखा जब्त होने के बाद देर शाम तक वाहन अपने गंतव्य स्थान पर चालक अपने निवास स्थान पर संग्धित अपने आवास पर और कार्यवाही हुई भी तो क्या सभी गुटखा पैकेट जब्त कर थाना में जमा अब नजर खाद्य एवं औषधि विभाग की रिपोर्ट पर . ऐसा नहीं है कि सितार गुटखा के बारे में आम जनता व पुलिस प्रशासन नहीं जानती सभी जानते है कि यह एक जर्दा युक्त गुटखा है किन्तु बावजूद इसके कार्यवाही के नाम पर शून्य लगभग शून्य .
क्या ऐसे ही दुर्ग शहर में नशे से मुक्ति के लिए पुलिस का प्रयास रहेगा ? क्या मुख्यमंत्री के गृह जिले में लाखो के अवैध जर्दा युक्त गुटखा जब्त होने के बाद भी इसके गुनेहगार आज़ाद घूमते रहेंगे क्या यही है गृह मंत्री का वो वादा जो उन्होंने जनता से किया कि नशे के व्यापार करने वालो पर प्रदेश की पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी ?