रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि डीआरडीओ की पहली झांकी में, चौथी पीढ़ी के एलसीए तेजस की क्षमता बढ़ाने वाले, स्वदेश में निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक स्कैन ऐरे रडार ‘उत्तम', आसमान से निशाना साधे जा सकने वाले पांच विभिन्न हथियारों और एक इलेक्ट्रॉनिक युद्धक जैमर को प्रदर्शित किया जाएगा.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/
गणतंत्र दिवस परेड में इस साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की दो झांकियां शामिल की जाएंगी. इनमें हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के लिए स्वदेश में विकसित सेंसर, हथियार और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणालियों तथा भारतीय पनडुब्बियों के लिए ‘एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन' (AIP) प्रणालियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस साल विभिन्न राज्यों, विभागों और सशस्त्र बलों की 25 झांकियां 26 जनवरी पर परेड का हिस्सा होंगी.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि डीआरडीओ की पहली झांकी में, चौथी पीढ़ी के एलसीए तेजस की क्षमता बढ़ाने वाले, स्वदेश में निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक स्कैन ऐरे रडार ‘उत्तम', आसमान से निशाना साधे जा सकने वाले पांच विभिन्न हथियारों और एक इलेक्ट्रॉनिक युद्धक जैमर को प्रदर्शित किया जाएगा.
दूसरी झांकी में भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों के लिए स्वदेश में विकसित एआईपी प्रणाली को प्रदर्शित किया जाएगा. बयान में कहा गया कि एआईपी की मदद से, पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की अपेक्षा आधुनिक पनडुब्बी लंबे समय तक पानी के भीतर रह सकती है. यह प्रणाली समुद्र के भीतर पनडुब्बी को नाभिकीय पनडुब्बी से भी अधिक ‘शांत' बना सकती है.