सेहत टिप्स /शौर्यपथ / बहुत से लोगों की आदत होती है दोपहर में कुछ देर सोने की. कुछ स्थानों पर, आप देखेंगे कि दोपहर में दुकानें बंद हो जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको रात में अच्छी नींद नहीं मिली या आपका दिन व्यस्त रहा या आप बस थोड़ा आराम करना चाहते हैं. दोपहर को कुछ देर के लिए सोना रिफ्रेशमेंट की तरह होता है. आज हम इस लेख में दोपहर में सोने के लाभ और हानि दोनों के बारे में बताएंगे.
दोपहर में सोने के फायदे और नुकसान
सबसे पहले शुरूआत फायदों से करते हैं.
रात में काम करने वाले लोग देर तक जागते हैं, जिससे थकान बढ़ती है. यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो पुरानी थकान खत्म नहीं होगी. ऐसे में तनाव को कम करने के लिए दिन में झपकी लेना फायदेमंद हो सकता है.
हम अक्सर सुबह से दोपहर होते-होते थक जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा शरीर सर्कैडियन लय फॉलो करता है. इस बारे में विशेषज्ञ का कहना है कि शरीर का तापमान हर 12 घंटे में थोड़ा कम हो जाता है. यह मुख्य रूप से दोपहर के समय पाया जाता है और ऐसे में व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है. इसलिए, 30 मिनट से ज्यादा की झपकी लेने से काफी हद तक थकान दूर हो सकती है.
अब आते हैं दोपहर के सोने से होने वाले नुकसान पर-
लोगों का दोपहर में झपकी लेना आम बात है, लेकिन दोपहर में ज्यादा देर तक सोना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. यह आपकी रात की नींद को प्रभावित कर सकता है, इसलिए दोपहर में देर तक सोने से बचना जरूरी है. विशेषज्ञ का कहना है कि लंबे समय तक सोने से स्ट्रोक का खतरा 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है, जिसका समर्थन मेडिकल जर्नल ऑफ अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के एक अध्ययन से होता है. इसमें सामने आया कि जो लोग दोपहर में 90 मिनट से ज्यादा की झपकी लेते हैं उनमें स्ट्रोक का खतरा 25 प्रतिशत बढ़ जाता है.
बात सिर्फ दोपहर में सोने की नहीं है, बल्कि कुछ लोगों की लाइफस्टाइल ऐसी होती है कि वे रात में कुछ घंटे ही सो पाते हैं. ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है. पर्याप्त नींद न लेने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा और यहां तक कि अवसाद भी हो सकता है. इसलिए हमें हर दिन पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए.