व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सनातन धर्म में हनुमान जी को संकट हरने वाला संकटमोचन कहा गया है. भगवान राम के भक्त हनुमान जी त्रेता युग में चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन पैदा हुए थे और इसीलिए भक्त हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव मनाते हैं. बल, बुद्धि और साहस का आशीर्वाद देने वाले हनुमान जी भक्तों की पूजा से बेहद प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हे हर संकट से बचाते हैं. इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल यानी मंगलवार के दिन पड़ रही है. मान्यता है कि बजरंग बली मंगलवार के दिन जन्मे और इसी कारण उनका नाम मंगलमूर्ति पड़ा. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार हनुमान जयंती पर मंगलकारक भद्रावास योग बन रहा है जो बजरंग बली की पूजा के लिए बेहद खास बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस शुभ योग में हनुमान जी की पूजा करने पर साधक और उसके परिवार को मनोवांछित फल मिलने के योग बनेंगे.
हनुमानजयंती पर लग रहा है भद्रावास योग
ज्योतिषियों ने कहा है कि हनुमान जयंती के दिन भद्रावास योग बन रहा है. भद्रा यानी शनि की बहन इस दिन पाताल लोक में रहेंगी और धरती पर सभी तरह के धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम शुभ होंगे. कहते हैं कि जब भद्रा पाताल लोक में रहती हैं तो धरती पर भक्तों द्वारा की गई पूजा लाभकारी और पावन फल देने वाली होती है. इस दिन भद्रावास योग सायंकाल के समय 4 बजकर 25 मिनट से लग रहा है. इस समय बजरंग बली की पूजा करने पर साधक और उसके पूरे परिवार को अक्षय फल की प्राप्ति का वरदान मिलने के योग बन रहे हैं.
कैसे करें हनुमान जी की विधिवत पूजा
हनुमान जी की पूजा करने से पहले आपको मंदिर के सामने एक चौकी स्थापित करनी होगी. इस पर एक लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद चौकी पर भगवान राम और बजरंग बली की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. अब चंदन से भगवान को तिलक करें.फूल और फल अर्पित करें. इसके बाद बजरंग बली को लड्डुओं का भोग लगाएं और तुलसी दल अर्पित करें. पहले भगवान राम की आरती करें और इसके बाद बजरंग बली की आरती करें. बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करें.