व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. मान्यता है कि शिव पूजा करने से ही हर पाप मिट जाते हैं. किसी चीज का भय नहीं रहता है. शिवभक्तों लिए मासिक शिवरात्रि का काफी महत्व है. हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मासिक शिवरात्रि होती है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और आपने आराध्य शिव की आराधना करते हैं. कहा गया है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी है. इससे शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं और हर कष्ट मिट जाते हैं. जानिए मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त और शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का महत्व.
मासिक शिवरात्रि कब है |
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 6 मई दोपहर 2.40 बजे से शुरू हो रही है. इसका समापन 7 मई की सुबह 11.40 बजे होगा. इस बार मासिक शिवरात्रि सोमवार के दिन है. इस व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा रात्रि में की जाती है. आज मासिक शिवरात्रि की पूजा का योग रात में 11.56 बजे से लेकर रात्रि 12.39 बजे तक है. इस पूजा के दौरान शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर हर सुख प्रदान करते हैं.
शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का महत्व
शास्त्रों में शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का महत्व बताया गया है. यह भगवान शिव के रूप और शक्तियों पर बना है. भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए शिव रूद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ किया था. मान्यता है कि इसका पाठ करने से ही बड़े से बड़ा शत्रु भी पराजित हो जाता है.
शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने का नियम
शास्त्रों में बताया गया है कि शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का नियमित पाठ करने से हर संकट दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि इस स्तोत्र से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस जाप से जीवन आनंदमय बना रहता है. इसके साथ ही मनोबल और सौभाग्य भी बढ़ता है. शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने के भी कुछ नियम हैं. इसे शिव मंदिर या घर में भगवान शिव की प्रतिमा, शिवलिंग के सामने बैठकर ही करना चाहिए. ज्योतिष के मुताबिक, लगातार 7 दिनों तक सुबह-शाम इस स्तोत्र का पाठ करने से फल प्राप्त होता है.