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नारायण-नारायण करके पूरी सृष्टि के पहले पत्रकार बनें देवर्षि नारद, जानें क्यों मिली यह उपाधि

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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / भगवान विष्णु के परम भक्त और ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक देवर्षि नारद  की जयंती 24 मई 2024, शुक्रवार को मनाई जा रही है. कहते हैं कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवर्षि नारद का जन्म हुआ था, ऐसे में इसे नारद जयंती के नाम से जाना जाता है. देवर्षि नारद का महाभारत में विशेष महत्व बताया गया है और उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी कहा जाता है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि देवर्षि नारद की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है.
नारद जयंती शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 मई को ही शाम 7:22 मिनट से शुरू हो चुकी है, जो आज 24 मई को शाम 7:24 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 24 मई को ही नारद जयंती मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त नारद जी की पूजा अर्चना की जाती है. आप सुबह उठकर घर के मंदिर में नारद जी की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें. उन्हें फल-फूल, मिठाई अर्पित करें, घी का दीया जलाएं और सच्चे मन से उनकी आराधना करें.
दरअसल, देवर्षि नारद को ये वरदान मिला था कि वे तीनों लोक में वायु मार्ग से कहीं भी आ जा सकते थे, इसलिए वे विष्णु जी की महिमा का बखान तीनों लोकों में किया करते थे और नारायण-नारायण कहकर एक-दूसरे की बातों को यहां से वहां पहुंचाते थे, इसलिए उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी माना जाता है. हालांकि, उन्हें यह आशीर्वाद कड़ी तपस्या के बाद मिला. इतना ही नहीं नारद मुनि को ब्रह्मा जी से यह श्राप भी मिला था कि वे जीवन भर अविवाहित रहेंगे.

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शौर्यपथ