सेहत टिप्स /शौर्यपथ /ऐसी कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं जिनका पता वक्त रहते ना चलने पर समस्या जरूरत से ज्यादा बढ़ सकती है और बड़ी बीमारियों का खतरा पनप सकता है. ऐसे में वक्त रहते ही कुछ बीमारियों को पहचाना जा सकता है. असल में किसी भी बीमारी के शुरूआती लक्षणों की पहचान की जा सकती है. ये संकेत किसी विटामिन या खनिजों की कमी के भी हो सकते हैं. इस बारे में बता रही हैं डॉक्टर रमिता कौर. अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से रमिता ने इस वीडियो को शेयर किया है जिसमें में शरीर में दिखने वाले लक्षणों की बात कर रही हैं और इन लक्षणों को पहचानने का तरीका और इन दिक्कतों से निजात पाने के उपचारों के बारे में बता रही हैं. बीमारियों के शुरूआती लक्षण पहचानना
शरीर में दर्द - अक्सर ही बदन दर्द होता है तो इसकी वजह पौटेशियम की कमी हो सकती है. इस पौटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए केले, शकरकंदी, पालक, चुकुंदर, एवोकाडो और नारियल पानी वगैरह को खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है.
खुरदुरी और रूखी-सूखी त्वचा - अगर आपकी त्वचा जरूरत से ज्यादा खुरदुरी और रूखी हो गई है तो यह जिंक की कमी का लक्षण हो सकता है. जिंक की की पूरी करने के लिए खानपान में ओट्स, कद्दू के बीज, छोले और काजू शामिल किए जा सकते हैं.
बैली फैट - पेट के आसपास फैट जमा होने का मतलब एक्सेस एस्ट्रोजन हो सकता है. इस एक्सेस एस्ट्रोजन को हटाने के लिए गोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकोली के साथ-साथ गाजर खाए जा सकते हैं.
मसल्स क्रैंप्स - अगर शरीर की मांसपेशियों में अचानक से खिंचाव होता है या मसल्स क्रैंप्स होते हैं तो शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है. पालक, कद्दू के बीज, काजू और एवोकाडो से इस कमी को पूरा किया जा सकता है.
बर्फ की क्रेविंग्स - जिन लोगों को बर्फ खाने की क्रेविंग होती है या अचानक से कभी भी बर्फ खाने का बहुत मन होता है यह आयरन की कमी का संकेत हो सकता है. आयरन की कमी पूरी करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, काली किशमिश और दालों को डाइट का हिस्सा बनाएं.
हाथ-पैरों में झनझनाहट - विटामिन बी12 की कमी के कारण अक्सर हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है. विटामिन बी12 की कमी पूरी करने के लिए डाइट में अंडे, पालक, चीज और दूध शामिल किए जा सकते हैं.
इन खनिजों या विटामिन की कमी से शरीर रोगों का घर बन सकता है. इसीलिए इन संकतों को वक्त रहते पहचानना और जरूरी पोषक तत्व शरीर को देना बेहद जरूरी होता है.