लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /कोरोना संक्रमण काल में मरीजों को ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर बैठे स्वास्थ्य परामर्श देने की सेवा शुरू की गई है। प्रदेश सरकार ने भी इसे अपनाया है। बुधवार से हैलट अस्पताल में यह सेवा शुरू हो गई है। इस सेवा से प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज जुड़ गए हैं। हाल ही में डॉक्टरों को इस सेवा की ट्रेनिंग भी दी गई थी। इस एप के माध्यम से घर बैठे लगभग हर मर्ज के डॉक्टर से इलाज मिल सकेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों ने जिस तरह कहर बरपाया है लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं। हल्की खांसी और जुकाम होने पर भी लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं संक्रमण के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं भी बंद हैं। इसीलिए सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए हर विधा के डॉक्टरों से ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर बैठे चिकित्सकीय सलाह देने की व्यवस्था की है। हैलट अस्पताल के बालरोग विभाग की सीनियर डॉक्टर रूपा डालमिया सिंह को इसका प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार से इसकी शुरुआत हो गई है। ई-संजीवनी एप के माध्यम से बुधवार को बालरोग विभाग से जुड़ी समस्या पर स्वास्थ्य परामर्श भी दिया गया।
ऐसे काम करेगा ई-संजीवनी एप
एंड्रायड मोबाइल फोन में प्लेस्टोर पर जाकर ई-संजीवनी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद इस एप पर खुद को रजिस्टर्ड करवाना होगा, वेरीफिकेशन के लिए वन टाइम पॉसवर्ड (ओटीपी) भी आएगा जाएगा। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीज को विकल्प मिलेगा जिसमें वह फिजीशियन, आर्थोपेडिक, स्किन , डेंटल, गॉयनी, न्यूरो में किस डाक्टर से सलाह लेना चाहता है। जैसे ही इस एप के जरिये वीडियो कॉल किया जाएगा तो वह सीधे उसी मर्ज के डाक्टर को पहुंच जाएगी जिसे उसने चुना है। इस एप से डाक्टर मरीज से बातचीत कर उसे दवा का प्रिस्क्रिप्शन देगा जो डिजिटल साइन के साथ मरीज तक भी पहुंच जाएगा। ई-संजीवनी पर डॉक्टर से सुबह 9 से दोपहर 2 बजे के बीच परामर्श लिया जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा शुरू की गए ई-संजीवनी एप के जरिए मरीज घर बैठे डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं। यह उन्हें न केवल संक्रमण के खतरे से बचाएगा बल्कि उन्हें ऐसी महामारी में घर पर चिकित्सकीय परामर्श मुहैया कराएगा। एप से जुड़ी कुछ खामियां भी हैं जिन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।
इन विभागों के डॉक्टरों से मिलेगा परामर्श
ई-संजीवनी एप के लिए जीएसवीएम के मेडिसिन,सर्जरी, न्यूरो मेडिसिन, गॉयनी, डेंटल, स्किन, नाक कान व गला, बालरोग, कैंसर व हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग हुई है जो मरीजों को वीडियो कॉल के जरिए घर बैठे इलाज देंगे।