शौर्यपथ फिल्मी दुनिया। दृश्यम फ़िल्म से इन्हें शोहरत तो मिली। मगर वो शोहरत नफ़रत भी साथ लेकर आई। पता नहीं कौन-कौन लोग इन्हें गालियां बका करते थे फोन करके। सड़क पर देखते तो लोग चिढ़ने लग जाते थे इनसे। और इस सारी नफ़रत की जड़ थी दृश्यम फ़िल्म में अजय देवगन की फ़ैमिली को इनके द्वारा टॉर्चर किए जाना। इंस्पैक्टर गायतोंडे के किरदार को इन्होंने इतना रियलिस्टिक बना दिया कि लोग सच में इन्हें घटिया इंसान समझने लगे। लेकिन निगेटिव किरदार निभाने वाले एक एक्टर के लिए लोगों की गालियां वास्तव में ईनाम होता है। क्योंकि इससे पता चलता है कि एक्टर ने इतना बढ़िया काम किया है कि लोगों के ज़ेहन में उसकी वही छवि बस गई है।
लेकिन इंस्पैक्टर गायतोंडे यानि कमलेश सावंत का क्लॉज़ शॉट उन्होंने लिया ही नहीं। दृश्यम का वो आखिरी सीन रामोजी फिल्म सिटी में शूट किया गया था। शूटिंग कंप्लीट करने के बाद जब पूरी यूनिट मुंबई वापस आ गई और फिल्म की फाइनल एडिटिंग की जाने लगी तो अजय देवगन को आइडिया आया कि इस सीन पर कमलेश सावंत का भी एक क्लॉज़ शॉट होना चाहिए। अजय ने तुरंत शूटिंग अरेंज कराई और कमलेश सावंत को फिल्म सिटी बुलाया। और वहीं के एक पार्क में इंस्पैक्टर गायतोंडे की पिटाई वाला वो सीन शूट कराया गया।
और ये सीन इतनी सफाई के साथ शूट किया गया कि किसी को पता ही नहीं चल सका कि इस सीन का ज़्यादातर हिस्सा कहीं और शूट किया गया है। अजय ने ये सारा काम दृश्यम की रिलीज़ से महज़ 4 दिन पहले ही कराया था। और इस पूरे घटनाक्रम में अजय देवगन ने ये साबित किया कि वो ना सिर्फ बड़े स्टार हैं। बल्कि बड़े दिल वाले इंसान भी हैं। वरना एक छोटे कलाकार को दृश्यम जैसी बड़ी फिल्म में इतनी आसानी से क्लॉज़ शॉट भला कहां मिल पाता है।
साथियों कमलेश सावंत जितने शानदार कलाकार हैं उतनी ही शानदार एक्टर बनने की इनकी कहानी है। स्टेप बाय स्टेप कमलेश सावंत जी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़े हैं। और स्टेप बाय स्टेप ही काफ़ी पहले मैंने बहुत विस्तार से इनकी जीवनी लिखी थी। इनकी जीवनी आप यहां पढ़ सकते हैं- https://shorturl.at/HTxm5 कुछ साल पहले मेरी फोन पर कमलेश सावंत जी से बात हुई थी। तब उन्होंने अपनी कहानी पूरे विस्तार से बताई थी। पढ़िए-पढ़िए। पसंद आएगी आपको इनकी कहानी। #kamleshsawant #biography #BiographyinHindi #KissaTV #shouryapathnews.in