दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर निगम चुनाव में बड़ी खबर निकल कर आ रही है कि कांग्रेस जिस शहरी सरकार के गुणगान करते हुए आने वाले निगम चुनाव में एक बार फिर काबिज होने की बात कर रही है इस नगर निगम चुनाव में पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के लिए पूरे शहर में कहीं भी सुरक्षित सीट नजर नहीं आ रही है पद्मनाभपुर क्षेत्र में निवासरत एवं क्षेत्र के वार्ड नंबर 45 सामान्य होने के बावजूद भी इस वार्ड से धीरज बाकलीवाल चुनावी जंग से बाहर हो रहे हैं वहीं इस वार्ड से पूर्व विधायक अरुण वोरा के समर्थक राजेश शर्मा ने दावेदारी फॉर्म भर दी है परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजेश शर्मा की यह टिकट काटकर पूर्व महापौर के करीबी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं ठेकेदारी के व्यवसाय से जुड़े आयुष शर्मा को चुनावी जंग में उतारने का प्रयास किया जा रहा है बता दे कि आयुष शर्मा २०१८ के विधानसभा चुनाव के बाद अचानक राजनीती से जुड़े और तात्कालिक विधायक वोरा के करीबी होने का फायदा उन्हें युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में मिला . राजनीति में किसी तरह की कोई खास उपलब्धि आयुष शर्मा के खाते में नहीं है शहर में निष्क्रिय संगठन के बावजूद भी कांग्रेस बड़े जोर-शोर से जीत की उम्मीद कर रही है .ऐसे में बाकलीवाल के समर्थक आयुष शर्मा की दावेदारी से राजेश शर्मा के टिकट काटने की संभावना बढ़ गई है .
आयुष शर्मा 2019 विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व विधायक अरुण हो रहा एवं पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के चहेतों की गिनती में आने लगे वही राजेश शर्मा का विरोध वोरा बंगले के साथ-साथ बाकलीवाल खेमे में भी होने लगा इस तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि वोरा के समर्थक रहे राजेश शर्मा को अगर कांग्रेस से टिकट नहीं मिलता तो निर्दलीय चुनावी जंग में उतरने को तैयार हैं ऐसी स्थिति में कांग्रेस को ही नुकसान होगा और कांग्रेस के खाते से यह सीट भी चली जाएगी पूर्व में भी लीलाधर पाल के साथ हुए भीतरी घात के कारण पद्मनाभपुर क्षेत्र के एक वार्ड कांग्रेस के हाथ से जा चुका है अब दूसरे वार्ड के जाने की स्थिति निर्मित हो रही है .
सत्ता जाने के बाद भी कांग्रेस की गुटबाजी और अंतर कलह के कारण कांग्रेस का लगातार दुर्ग शहर में पतन होता नजर आ रहे हैं पूर्व विधायक कहीं से भी कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं वही प्रदेश संगठन भी दुर्ग कांग्रेस को पूरी तरह भुलाए बैठी है ऐसी स्थिति रहीं तो कोई बड़ी बात नहीं की आने वाले समय में कांग्रेस दुर्ग में सिर्फ नाम की ही बाकी रह जाएगी.