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दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में अब मतदान में मात्र 4 दिन शेष हैं वही प्रचार के लिए दो दिन व जनसंपर्क के लिए दो दिन बचे हैं ऐसे में अब वार्ड की जनता किसे अपना मत दें इस पर खुल के कहने से बच रही है वहीं शहर के एक ऐसे वार्ड जो आरम्भ से ही प्रत्याशी चयन में भाजपा के लिए सर दर्द बना अब इस वार्ड में जनता परिवर्तन चाहती है।
वार्ड वासियों की माने तो वार्ड के निवासी परिवर्तन की राह देख रहे हैं वही इस बारे में कुछ भी कहने से बचने की कोशिश भी कर रहे हैं वार्ड के निवासियों में दबी जुबान में यह चर्चा है कि अब बदलाव होना चाहिए सालों बाद वार्ड के एक गरीब परिवार से संबंधित व्यक्ति को जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिला है इस स्थिति में वार्ड की जनता और वार्ड का एक बड़ा हिस्सा अपने वार्ड के प्रत्याशी के पक्ष में नजर आ रहे हैं.
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू बगल के वार्ड के निवासी होने के कारण भी कहीं ना कहीं उनके लिए विरोध के स्वर सामने आने लगे हैं हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह बगावत करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किया ऐसे में अब ऐसे भी कार्य कर्ता हैं जो वार्ड में निवास करते हैं और वार्ड के किसी व्यक्ति के लिए काम करने की इच्छा रखते थे वह भी आप परदे के पीछे बड़ा खेल कर सकते हैं.
बड़ी बात यह है कि सामने से सभी दोनों ही पक्षों को मजबूत और कांटे की टक्कर बता रहे हैं परंतु शौर्य पथ की टीम द्वारा लगातार तीन दिनों तक वार्ड के कई लोगों से चर्चाओं में यह बात सामने आई की वार्ड में इस बार परिवर्तन होने की पूरी संभावना है परंतु धनबल के आगे जन सामान्य कहीं ना कहीं फेल हो जाता है ऐसी स्थिति इस वार्ड में भी ना हो जाए ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सेन आर्थिक रूप से एक सामान्य परिवार से आती है वहीं श्रीमती शशि द्वारिका साहू का परिवार धनाट्य लोगों की श्रेणी में आता है वार्ड पार्षद चुनाव में अगर धनबल भरपूर चला तो कोई बड़ी बात नहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू की जीत आसान हो जाएगी इस बार जनता धनबल को किनारा कर करने की बात तो कर रही है परंतु अंतिम मोहर 11 फरवरी को लगेगा जिस पर वार्ड की जनता भी बिल्कुल मौन है और परिवर्तन या पुनर्चयन यह 15 फरवरी को स्पष्ट हो जाएगा।
60 वार्डों में ऐसे बहुत कम वार्ड हैं जहां पर वार्ड के निवासी कशमकश में है एवं कुछ भी कहने से बच रहे हैं ऐसा ही कुछ हाल वार्ड नंबर 33 का है अभी सब मौन है परंतु अंतर्मन से कुछ अलग ही माहौल नजर आ रहा है और जिस तरह प्रत्याशियों को 15 फरवरी का इंतजार है उतनी ही बेसब्री से वार्ड की जनता को भी 15 फरवरी का ही इंतजार है..
दुर्ग नगर निगम के ऐसे वार्ड जहां कांग्रेस काफ ी
मजबूत स्थिति में कैसे मुकाबला होगा आसान ?
दुर्ग / शौर्यपथ /
दुर्ग नगर पालिक निगम चुनाव के मतदान की तारीख में अब चार दिन शेष रह गए हैं ऐसे में प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के पार्षद प्रत्याशी अपने-अपने वार्ड में प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान में और ज्यादा तेजी लाते हुए अपने मतदाताओं को अपनी सोच और योजनाओं से अवगत करा रहे हैं .परंतु दुर्ग नगर निगम का पूर्व इतिहास रहा है कि दुर्ग नगर पालिक निगम में कभी भी भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई ऐसे में मुकाबला को एक तरफा कहना कहीं से भी उचित नहीं होगा .
दुर्ग नगर निगम के 60 वार्ड में से कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है दुर्ग नगर निगम के वह वार्ड जहां कांग्रेस मजबूती स्थिति में है.
वार्ड नंबर 40 जो कांग्रेस का गढ़ रहा है जहां से कांग्रेस अपना सीट कभी नहीं हारी इस बार भी वार्ड नंबर 40 में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है .वार्ड नंबर 41 की बात करें तो वार्ड नंबर 41 में महिला आरक्षण के बाद अब यह सीट पूर्व पार्षद खोखर की धर्मपत्नी रुबीना खोखर लड़ रही है और जिस तरह पिछले बार चुनावी जंग भाजपा के साथ था इस बार ऐसा कोई शोर सुनाई नहीं दे रहा यह वार्ड एक बार फिर रिकार्ड मतों से जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है इस बार से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित होने के साथ-साथ रिकार्ड मतों से जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता .
वार्ड नंबर 43 की बात करें तो वार्ड नंबर 43 से भी कांग्रेस की जीत लगभग सुनिश्चित है मुहर 15 तारीख को लगेगी किंतु इस वार्ड के पूर्व पार्षद के रूप में दीपक साहू की साफ़ छवि का पूरा फायदा एक बार फिर पार्षद प्रत्याशी के रूप में दीपक साहू को मिलेगा ऐसे में इस वार्ड में कांग्रेस की है .वार्ड नंबर 44 की बात करें तो वार्ड नंबर 44 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रकाश जोशी चुनावी मैदान में है इस वार्ड से प्रकाश जोशी लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में वार्ड की जनता के पहली पसंद है ऐसे में वार्ड नंबर 44 से कांग्रेस की जीत को नकारा नहीं जा सकता .
ऐसे ही वार्ड नंबर 27 की बात करें तो वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मनीष बघेल चुनावी मैदान में है मनीष बघेल भी अपने वार्ड में काफी लोकप्रिय हैं विकास कार्य और सतत आम जनता से जुड़े रहने के कारण क्षेत्र की जनता एक बार फिर मनीष बघेल के पक्ष में नजर आ रही है .
वार्ड नंबर 39 की बात करें तो वार्ड नंबर 39 में बदलाव की बयार चल रही ऐसा माना जा रहा है कि इस बार से शुकून ढीमर की वापसी हो सकती है इस वर्ष से भारतीय जनता पार्टी से गुलाब वर्मा चुनावी मैदान में है इस वार्ड में जीत किसकी होगी यह कोई भी नहीं बता रहा मुकाबला कड़ा है और जीत का अंतर काफी कम होने की बात कही जा रही है वार्ड नंबर 13 की बात करें तो वार्ड नंबर 13 से संजय कोहले एक बार फिर जीत की ओर बढ़ रहे है वार्ड नंबर 13 से संजय कोहली की जीत भी निश्चित मानी जा रही है वार्ड वासियों के अनुसार संजय कोहले लगातार सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करते आ रहे हैं और एक बार फिर जनता उन्हें मौका देगी.
वार्ड नंबर 36 की बात करें तो इस वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी तो चुनावी मैदान में नहीं होता है परंतु जिस प्रत्याशी को बढ़त मिलती दिख रही है वह कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में नजर आ रहा है ऐसे में वार्ड नंबर 36 से प्रतिभा गुप्ता भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूनम यादव से वर्तमान समय में आगे नजर आ रही है. वार्ड नंबर 51 से पोषण साहू भी वार्ड की जनता की पहली पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं वार्ड की जनता एक बार फिर पोषण साहू को जनप्रतिनिधि के रूप में नगर निगम भेजना की बात कर रही है इस वार्ड से भारतीय जनता पार्टी ने साजन जोसेफ को चुनावी मैदान में उतारा है वर्तमान समय तक मुकाबला जमीनी स्तर पर देखा जाए तो एक तरफ है परंतु चुनावी जंग में जीत किसकी हो या अंतिम मोहर लगने के बाद ही निश्चित होता है .
ऐसे ही वार्ड नंबर 38 की बात करें तो वार्ड नंबर 38 से जिस तरह से एक पूरा वर्ग भाजपा प्रत्याशी से नाराज चल रहा है इस बार से कांग्रेस के मनोज सिन्हा की जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा वहीं वार्ड नंबर 7 से इस बार सरोज यादव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं वार्ड नंबर 7 में एक बार फिर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहने की बात क्षेत्र की जनता कर रही है शहर के ऐसे अन्य कई वार्ड है जहां कांग्रेस के प्रत्याशी काफी मजबूत स्थिति में है मतदान के चार दिन से ऐसे में मुकाबला रोचक होते जा रहा है राजनीतिक उठापटक कब किस ओर चली जाए कहां नहीं जा सकता .
स्थितियां दिन प्रतिदिन बदलती जा रही हैं और मुकाबला रोचक होता जा रहा है ऐसे में अगर भाजपा अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखती है तो महापौर प्रत्याशी के लिए अभी और मेहनत की जरूरत है 9 फरवरी को प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रोड शो है ऐसे में भाजपा इस रोड शो के जरिए मतदाताओं को कितना अपने ओर आकर्षित करती है यह 11 फरवरी के मतदान और 15 फरवरी के परिणाम के बाद ही सामने आएगा अभी लोकतंत्र के महापर्व के अंतिम दौर में राजनीतिक चहल-पहल अपने पूरे तूफान पर है और सभी को 11 फरवरी का इंतजार है ..
मुंगेली / शौर्यपथ / त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के आरक्षण सामने आने के बाद क्षेत्र में सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से अधिकृत दो बार की सरपंच अधिवक्ता दिनेश पात्रे ब्लैक बोर्ड छाप से चुनावी जंग में उतर चुके है . मुंगेली क्षेत्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव का क्षेत्र होने से इस क्षेत्र में भाजपा की लहर है वही अनुभवी जनप्रतिनिधि के रूप में पहचान बना चुके अधिवक्ता वर्ग से होने के नाते भाजपा समर्थित प्रत्याशी दिनेश पात्रे की स्थिति मजबूत मानी जा रही है .
अधिवक्ता पात्रे अपने समर्थको से एवं क्षेत्र की जनता से अपील कर रहे है कि इस लड़ाई को मैं अकेले लड़ नहीं सकता और आप सभी साथ दो गे तो मै हार नहीं सकता.
बता दे कि अधिवक्ता दिनेश पात्रे जनपद सदस्य पद हेतु क्षेत्र क्रमांक 04 सिल्ली के निवासी है अधिवक्ता दिनेश पात्रे बहुत ही कम समय के राजनितिक जीवन में अपनी एक अलग पहचान बना चुके है . समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में अधिवाक्ताओ की गिनती होती है ऐसे में अधिवक्ता के रूप में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही है . अधिवक्ता दिनेश पात्रे (ग्राम सिल्ली वाले) मूंगेली जनपद पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 04 सिल्ली से जनपद सदस्य पद हेतु भारतीय जनता पार्टी के समर्थित उम्मीदवार के रूप में चुनावी जंग में उतर जीत के प्रति आशान्वित नजर आ रहे है . त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान में अभी लगभग १० दिन है ऐसे में क्षेत्र की जनता को अपने विचारो से कितना प्रभावित करते है और क्षेत्र की जनता अधिवक्ता पात्रे के समर्थन में कितना मतदान करती है यह तो आने वाला समय निश्चित करेगा किन्तु राजनीती में बुद्धिजीवी शिक्षाविद के उतरने से एक सभी और सुशासित समाज की स्थापना की दिशा में एक महत्तव पहल की आम जनता भी सरहना करती है . इसी मुंगेली क्षेत्र से वकालत के साथ राजनीती में कदम रखने वाले अरुण साव जी आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में अपने सफल कार्यकाल का सफ़र तय कर रहे है अब इसी क्षेत्र से एक और अधिवक्ता के चुनावी जंग में उतरने से क्षेत्र में चर्चो का बाजार गर्म है और राजनितिक रंग के कई नज़ारे आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे .
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर निगम में चुनाव की घोषणा होते ही सभी वार्ड में प्रत्याशी चयन में दावेदारों की फौज नजर आने लगी परंतु शहर का एक वार्ड ऐसा रहा जहां पर कौन प्रत्याशी होगा इस पर चर्चा हो रही थी परंतु वर्तमान समय में अब शहर के सबसे हॉट सीट के रूप में इस वार्ड का नाम सामने आ गया।
दुर्ग नगर निगम के वार्ड नंबर 36 में आरक्षण के बाद पिछड़ा वर्ग महिला घोषित होने के कारण इस वार्ड में ऐसा कोई प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा था जो चुनावी मैदान में सक्रियता से सामने आए एक समय ऐसा भी आया कि कांग्रेस इस वार से किसे प्रत्याशी घोषित करें या कांग्रेस या सीट छोड़ देगी ऐसी भी चर्चा होने लगी वहीं भारतीय जनता पार्टी ने यह कैसे प्रत्याशी श्रीमती पूनम यादव को चुनावी मैदान में उतारा जिनके परिवार के अधिकतर लोगों का कांग्रेस संगठन से पुराना नाता रहा वही आखिरकार कांग्रेस को भी श्रीमती प्रतिभा गुप्ता के रूप में प्रत्याशी मिल गया परंतु भी फॉर्म में नाम में त्रुटि होने के कारण श्रीमती प्रतिभा गुप्ता को कांग्रेस का सिंबल नहीं मिल पाया इसके बाद पूरे वार्ड में श्रीमती प्रतिभा गुप्ता के लिए के समर्थन के लिए एक माहौल सा बन गया और श्रीमती प्रतिभा गुप्ता निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारकर वर्तमान समय में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती पूनम यादव को ना ही कड़ी टक्कर दे रही है अपितु वार्ड के जनता का जो समर्थन श्रीमती प्रतिभा गुप्ता को मिल रहा है वह सिर्फ वार्ड में ही नहीं पूरे शहर में चर्चा का विषय है यहां तक की पूरा कांग्रेस श्रीमती प्रतिभा गुप्ता के समर्थन में उनके सिंबल के गमछे को भी पहनकर प्रचार में निकल गए।
वही ऐसी खबर भी सामने आ रही है कि अब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भी श्रीमती प्रतिभा गुप्ता के समर्थन में रैलियां निकालेंगे ऐसे में वार्ड नंबर 36 में कभी एकमात्र प्रत्याशी होने की चर्चा में रहने वाली श्रीमती पूनम यादव अब वार्ड में जीत से काफी दूर नजर आ रही है प्रचार में अभी 5 दिन शेष हैं ऐसे में भाजपा की मजबूत संगठन की रणनीति क्या होगी यह तो आने वाले 5 दिन में स्पष्ट हो जाएगा परंतु वर्तमान स्थिति में श्रीमती प्रतिभा गुप्ता के समर्थन में वार्ड वासी अभी से जीत के दावे कर रहे हैं मतदान के दिन यह दावे और उनके समर्थन में नेता जन सैलाब वोट में कितना तब्दील होगा यह 15 तारीख के परिणाम के बाद स्पष्ट हो जाएगा जन सैलाब का समर्थन वर्तमान समय में श्रीमती प्रतिभा गुप्ता को जीत की ओर ले जा रहा है मुहर लगना अभी बाकी है और राजनीति में पासा पलटने में समय नहीं लगता भाजपा पासा पलटने में काफी माहिर है ऐसे में सभी अब भाजपा संगठन के अगले रणनीति का इंतजार कर रहे हैं कि आगे क्या होगा दिन निकलता जा रहा है और लोगों की बेसब्री भी बढ़ती जा रही है की वार्ड नंबर 36 है कौन होगा उनके वार्ड का जनप्रतिनिधि
दुर्ग। शौर्यपथ। नगर पालिका निगम के चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम दौर में पहुंचता जा रहा है मतदान की तारीख में अब 5 दिन शेष रह गए हैं ऐसे में पार्षद प्रत्याशियों की धड़कने भी तेज हो रही है और आम जनता मौन रहकर उनकी चिताओं को बढ़ा रही हैं शहर के कुछ वर्ड ऐसे हैं जो शुरू से ही विवादित वार्ड के रूप में सामने आ गए राजनीतिक विवाद की स्थिति के कारण इन वार्डो के प्रत्याशी आराम से ही मानसिक तनाव से गुजरने लगे ऐसा ही एक बार दुर्गा नगर पालिक निगम का 45 नंबर वार्ड है 45 नंबर वार्ड से कांग्रेस पार्टी में घमासांग की जो जंग आरंभ हुई वह दुर्ग से लेकर दिल्ली तक पहुंच गई और जीत अंततः एक बार फिर पूरा बंगले की हुई इस बार से एक बार फिर रणछोड़ दास के रूप मे पिछले चुनाव मे प्रसिद्ध हुए राजेश शर्मा मैदान मे है. 2019 के नगर निगम चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से राजेश शर्मा ने स्वयं ही स्वीकार कर लिया था कि वह उनके द्वारा वार्ड नंबर 45 में कोई कार्य नहीं हुआ शायद यही कारण रहा कि राजेश शर्मा पिछले बार महिला आरक्षण के बाद वार्ड नंबर 45 से चुनाव ना लड़का वार्ड नंबर 46 से श्रीमती कमला देवी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा और वार्ड नंबर 46 में आम जनता के लिए कार्य कर रहे तात्कालिक पार्षद लीलाधर पाल को वार्ड नंबर 45 से चुनावी मैदान में कांग्रेस ने भेज दिया राजेश शर्मा के कार्यकाल की असफलता का परिणाम या रहा की लीलाधर पाल जैसा सक्रिय कार्यकर्ता भी अपनी धर्म पत्नी को वार्ड नंबर 45 से चुनाव नहीं जीत सका पर समय का चक्र देखिए एक बार फिर आरक्षण के चलते वार्ड नंबर 46 पिछड़ा वर्ग में आरक्षित हो गया जिसके कारण राजेश शर्मा कोई अवार्ड छोड़ना पड़ा और वार्ड नंबर 45 सामान्य सीट होने पर एक बार फिर अपनी असफलता को सफल बनाने की कोशिश में वार्ड नंबर 45 से चुनावी मैदान में है वार्ड नंबर 45 की जनता में चर्चाओं का बाजार कम है की 5 साल में राजेश शर्मा ने इस वार्ड में कुछ कार्य किया नहीं और अपनी असफलता को छुपाने के लिए वार्ड नंबर 40 पहुंच गए तब कांग्रेस की स्थिति कुछ अलग थी वार्ड नंबर 46 में स्वर्गीय मोतीलाल बोरा का निवास स्थान होने और स्वर्गीय मोतीलाल वोरा की एक अलग पहचान होने के कारण राजेश शर्मा की माता श्रीमती कमला शर्मा को आसान सी जीत मिल गई परंतु वर्तमान समय में कांग्रेस के अंदरूनी घमासान और पिछले बार वार्ड को छोड़ने का जो कारण रहा हुआ फिर घूम के सामने आ गया परंतु कहते हैं कि नेता अपने करीबी को किसी भी हाल में टिकट दिलाने में पीछे नहीं हटते उनके लिए पार्टी और जीत कोई मायने नहीं रखती नहीं संगठन सिर्फ मैं के दाम में एक बार फिर राजेश शर्मा को वार्ड नंबर 45 से काफी विवादों के बाद टिकट मिल गया परंतु इस बार वार्ड नंबर 45 में राजेश शर्मा का मुकाबला संजय अग्रवाल से है संजय अग्रवाल पहली बार चुने मतदान में उतरे हैं और भारतीय जनता पार्टी क्या मजबूत संगठन उनके साथ है वही राजेश शर्मा की जंग पहले कांग्रेस से है फिर अपनी 5 साल पहले की असफलताओं से ऐसे में राजेश शर्मा के चुनावी जंग में उतरने से कांग्रेस की यह सीट भाजपा के खाते में जाते हुए नजर आ रही है जिसकी दुआ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी कर रहे हैं सभी को मालूम है कि राजेश शर्मा कांग्रेस के आंदोलन में एवं संगठन के कार्यों में सक्रिय नहीं रहते उनकी सक्रियता से सिर्फ गोरा बंगले से है ऐसे में कांग्रेसी भी यही दुआ कर रहे हैं कि इस बार से राजेश शर्मा की हर हो अब देखना यह है कि आने वाले 11 फरवरी को मतदान के दिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की दुआ काम आएगी या फिर राजेश शर्मा की मेहनत क्योंकि अब पीछे वह बड़ा नाम नहीं रहा जिस नाम के भरोसे राजेश शर्मा सालों से कांग्रेस की राजनीति करते हुए कभी पार्षद तो कभी एल्डर मां की भूमिका में नजर आते हैं असली परीक्षा राजेश शर्मा की अब है जिसमें कितने सफल होते हैं यह 15 फरवरी को सामने आ जाएगा और उनकी काबिलियत भी आम जनता के साथ-साथ कांग्रेस संगठन के सामने प्रदर्शित हो जाएगा इंतजार परिणाम का है जिसके लिए अब चंद दिन ही बचे हैं ।
दुर्ग। शौर्यपथ।
नगरी निकाय चुनाव में एक और जहां कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला है वहीं सालों तक नगरी निकाय के कुछ वार्ड ऐसे रहे जहां पर भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाए परंतु इस बार तकिया पारा वार्ड नंबर 8 एक ऐसा वार्ड बनने जा रहा है जहां भाजपा का खाता पूर्ण बहुमत के साथ खुलता हुआ नजर आ रहा है प्रचार अभियान अब अपनी तेजी पर है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी अलका वाघमार ने तकिया पारा वार्ड नंबर आठ में जन समर्थन में रैली निकाली।
बता दें कि इस बार से भारतीय जनता पार्टी ने वार्ड के लोकप्रिय युवा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है खालिक रिज़वी (शेरू ) के प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही वार्ड के युवा वर्ग में जोश देखते ही बनता है जिस वार्ड में कभी बीजेपी का झंडा बैनर ढूंढने पड़ते थे अब उस वार्ड के हर गली में भाजपा का वर्चस्व सुना जा रहा है और पूरा वार्ड भाजपामय नजर आ रहा है.
जिस तरह भारतीय जनता पार्टी की आज तक तकिया पारा में ऐतिहासिक रैली निकली और जैसा जोश वार्डवासियो में देखने को मिला इससे यही आभास हो रहा है कि आने वाले समय में यह वार्ड अपने बदलाव की दिशा में कदम रख रहा है युवाओं ने महापौर प्रत्याशी अलका वाघमार एवं पार्षद प्रत्याशी खालिक रिज़वी (शेरू )के पक्ष में नारे लगाते हुए " कोई नहीं टक्कर में मत पढ़ो किसी चक्कर में अबकी बार भाजपा की सरकार " के साथ पूरा वार्ड भाजपामय हो गया अब सभी को मतदान दिवस 11 फरवरी का इंतजार है लोकतंत्र के इस पावन पर पर मतदान कितना और किसके पक्ष में होता है यह 15 फरवरी को सभी के सामने आ जाएगा।
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिका निगम चुनाव में प्रचार अब अपने अनेकों रंग को दिखा रहा है वार्ड प्रत्याशी तरह-तरह से अपने मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं लोकतंत्र में अब यह आम बात हो गई वहीं वार्ड नंबर 30 से कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं ऐसे में एक प्रत्याशी चर्चा के केन्द्र बिंदु है वहीं विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्याशी द्वारा अपने मतदाताओं को रिझाने के लिए बिछिया पायल उपहार स्वरूप प्रदान किया जा रहा है उपहार खुलेआम चुनावी मौसम में नहीं दिया जा सकता गुपचुप तरीके से यह कार्य होने की सूचना मिल रही है.
वार्ड के कुछ मतदाता बहनों ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर यह बात कही ऐसे में अब आने वाले 11 फरवरी के बीच प्रत्याशी किस तरह मतदाताओं को लुभाते हैं यह भी वार्ड में चर्चा का विषय है परंतु वर्तमान स्थिति में बिछिया पायल के सहारे नगर निगम में प्रवेश का मार्ग अपनाने की चर्चा वार्ड नंबर 30 में जोरों से है देखना यह है कि 11 फरवरी को यह बिछिया पायल कितना काम करता है और मतदाता बिछिया पायल के बदले अपना अमूल्य अनमोल मत एक ऐसे प्रत्याशी को दे देंगे जिनके जिम्मे 5 साल वार्ड रहेगा लोकतंत्र के पर्व में इसे सही नहीं माना जाता ठीक उसी तरह जिस तरह शराब या अन्य नगद लिफाफे किन्तु यह सब अब एक चुनावी हिस्सा मन ले तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी और सही गलत का फैसला करने की जिम्मेदारी वार्ड के मतदाताओ के ऊपर है कि वो उपहार के बदले वोट दे या फिर कार्य को देख वोट दे .
दुर्ग। शौर्यपथ। नगरी निकाय चुनाव में मतदान में अब 5 दिन शेष बचे हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी संगठन जिला दुर्ग ने नगरी निकाय एवं त्रिस्तरी पंचायत चुनाव 2025 हेतु जितेंद्र वर्मा को जिला पर्यवेक्षक नियुक्त किया है जितेन्द्र वर्मा जिला पर्यवेक्षकके रूप में दुर्ग जिला भाजपा संगठन अंतर्गत नगरी निकायों दुर्ग नगर निगम कुम्हारी एवं अमलेश्वर नगर पालिका उतई ,धमधा पाटन नगर पंचायत और त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य,जनपद सदस्य,पाटन धमधा दुर्ग के संबंध में संपर्क एवं प्रवास कर चुनाव प्रचार अभियान की समीक्षा एवं मार्गदर्शन करेंगे।जितेन्द्र वर्मा की नियुक्ति जिला भाजपा अध्यक्ष दुर्ग सुरेंद्र कौशिक के द्वारा किया गया।
दुर्ग। शौर्यपथ। मतदान में अब मात्र 6 दिन बचे हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों प्रचार में और जनसंपर्क में पूरी तरह व्यस्त है वहीं शहर के कुछ ऐसे वार्ड हैं जहां पर कांग्रेस की स्थिति पहले से ही दयनीय थी और विवादित प्रत्याशियों को उतार कर अपनी स्थिति और खराब कर ली ऐसा ही मामला वार्ड नंबर 53 का है जहां पर कांग्रेस ने एक ऐसे प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा जो पूर्व के कांग्रेस के काल में एल्डरमैन पद मे रहते हुए दर्जनों शौचालय का संचालन करता रहा ठेकेदारी के काम में अपना पूरा समय व्यतीत करता रहा और कांग्रेस के लिए उसका पूरा केंद्र बिंदु सिर्फ वोरा बग्ला था. पिछले बार जब कांग्रेस की सरकार थी तब अरुण वोरा के करीबी कहलाने वाले अंशुल पांडे काफी विवादित कांग्रेसी के रूप में शहर में चर्चा का विषय हुआ करते थे नगर निगम के दस्तावेजों के आधार पर अंशुल पांडे के पास उनकी माता के नाम आधा दर्जन से भी ज्यादा शौचालय थे वहीं ठेकेदारी में भी अंशुल पांडे का नाम लगातार आता रहा जिसके कारण कांग्रेसी तात्कालिक विधायक से नाराज भी रहते थे परंतु अपने लोगों का पक्ष लेने और शहर में अन्य कांग्रेसियों को दरकिनार करने की नीति का नतीजा यह निकला कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा की बड़ी हार हुई बावजूद उसके कांग्रेस में कोई सुधार नहीं आया और एक बार फिर भाजपा के इस मजबूत गढ़ में कांग्रेस ने अंशुल पांडे को चुनावी मैदान में उतार दिया जहां वर्तमान समय में अंशुल पाण्डेय प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों से काफी पीछे है वार्ड मे मुख्य मुकाबला विधायक गजेंद्र यादव के करीबी एवं वारिष्ठ भाजपा सदस्य विनायक नातू और पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सदस्य एवं पूर्व पार्षद सविता साहू चुनावी मैदान में है भाजपा के इस गढ़ में जनता आज भी कांग्रेस की नीतियों का विरोध करते नजर आती है पिछले बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी बावजूद इसके वार्ड नंबर 53 में भाजपा की जीत हुई अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसी स्थिति में भाजपा और पूर्व भाजपाई का मुकाबला इस वार्ड में नजर आ रहा है वही अपनी उपस्थिति पोस्टर बैनर के जरिए दर्ज करने में अंशुल पांडे भी कहीं-कहीं नजर आते हैं परंतु जमीनी स्तर पर वार्ड की जनता कांग्रेसी प्रत्याशी के विषय में ना के बराबर सोच रही है ऐसे में इस वार्ड में मुकाबला रोचक नजर आ रहा है मुकाबला किसी और जाएगा किस प्रत्याशी की जीत होगी इसका फैसला 15 फरवरी को हो जाएगा कब तक लोकतंत्र के पर्व का आनंद वार्ड के वासी भी भरपूर उठा रहे हैं और 11 तारीख को मतदान केन्द्रो तक पहुंच कर अपना जनप्रतिनिधि चुनने का इंतजार कर रहे हैं