दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत को सुनिश्चित करने के लिए रविवार 02 फरवरी को कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन रखा गया था जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री सरोज पांडे,लोकसभा सांसद विजय बघेल,प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव,दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर,महापौर प्रत्याशी श्रीमती अलका वाघमार,जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक,दुर्ग जिला भाजपा प्रभारी राजीव अग्रवाल सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद थे और भारतीय जनता पार्टी के वार्ड पार्षदों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित हो इस विषय पर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने कार्यकर्ताओं को देव तुल्य की संज्ञा दी और कार्यकर्ताओं से आह्वाहन किया कि अगर नगर निगम में स्वर्णिम युग लाना है तो पार्षद और महापौर को जीत दिलाने होगी तभी नगर निगम का स्वर्णिम युग कहलाएगा.एक-एक वोट की कीमत उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने देवतुल्य कार्यकर्ताओं को बताया किसी भी मतदाताओं से निवेदन आग्रह न छूटे इस बात पर विशेष जोर दिया वहीं भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भी अपने संबोधन में कहा कि हर प्रत्याशी को और देव तुल्य कार्य कर्ता को दो वोट मांगने हैं एक पार्षद प्रत्याशी के लिए और दूसरा वोट महापौर प्रत्याशी के लिए ताकि नगर निगम से पार्लियामेंट तक भाजपा का स्वर्णिम युग आ सके और विकास की जो धारा उन्होंने 1998 में शुरू की थी वह सुचारू रूप से चल सके .
परंतु सक्रिय कार्यकर्ताओं को पीछे छोड़ते हुए वार्ड नंबर 43 से हार्डवेयर व्यवसाई विवेक सिन्हा को भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया .भाजपा प्रत्याशी विवेक सिन्हा का मुकाबला एक ऐसे प्रत्याशी से है जो वार्ड में लोकप्रिय मिलनसार एवं जनता के सुख दुख में साथ रहने वाले माने जाते हैं ऐसे में विवेक सिन्हा को जब एक-एक वोट की आवश्यकता है तब विवेक सिन्हा एवं उनकी टीम द्वारा मतदाताओं में भी तुलनात्मक दृष्टि से संपर्क किया जा रहा है 10 साल तक पार्षद की सफल भूमिका निभाने के कारण वार्ड नंबर 43 के कई मतदाता पूर्व पार्षद के करीबी है जो राजनीतिक परिपेक्ष में भी नहीं परंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विवेक सिन्हा ऐसे मतदाताओं को दरकिनार कर रहे हैं और उनसे दूरी बना रहे हैं जिनकी नजदीकियां पूर्व पार्षद के साथ है अगर विवेक सिन्हा की यही स्थिति रही तो पूर्व पार्षद की घनिष्ठता वार्ड में व्यवसाय के रूप में पहचान बनाने वाले विवेक सिन्हा से बहुतेरे हैं ऐसे में इस वार्ड से विवेक सिन्हा तियो से तो हार की कगार पर जा रहे हैं वहीं उनके हार के साथ-साथ एक जमीनी कार्यकर्ता जिसे भारतीय जनता पार्टी ने महापौर प्रत्याशी के रूप में चुना है उनके लिए भी नुकसानदायक साबित हो रहे हैं .
आगे देखना यह है कि क्या विवेक सिन्हा अपने प्रचार में भेदभाव की नीति को जारी रखते हैं या फिर भेदभाव की नीति को भुलाते हुए भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री सरोज पांडे एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा व अन्य नेताओ की बातों का अनुसरण कर हर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में वोट के लिए अपील करते हैं .