वार्ड नंबर 38 के प्रत्याशी रामचंद सेन को यह भी नहीं मालूम कि उनके वार्ड की सीमा कहां तक
दुर्ग । शौर्यपथ। दुर्ग नगर निगम चुनाव में वार्ड प्रत्याशियों का प्रचार अभियान आरंभ हो चुका है दुर्ग नगर निगम के वार्ड प्रत्याशी सालों से वार्ड में सक्रिय हैं और निगम चुनाव में अब अपना भाग्य आजमा रहे हैं कुछ को राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित किया तो कुछ अपने कार्यों के आकलन के आधार पर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर चुके हैं वही कुछ ऐसे भी प्रत्याशी है जो किसी की विशेष कृपा दृष्टि से बिना पार्टी सदस्य के पार्षद प्रत्याशी बन गए .
वही रविवार को एक अजीबोगरीब प्रचार अभियान ने आम जनता का ध्यान खींच लिया शुरू से दुर्ग नगर निगम के वार्ड नंबर 38 में घोषित प्रत्याशी रामचंद्र सेन का विवादों से नाता जुड़ गया प्रत्याशी के लिए आवेदन फॉर्म जिसमें निमंत्रण पत्रिका बांटने के कार्य को काबिलियत बताने वाले और आवेदन सोशल मिडिया में वाइरल होने के बाद नए आवेदन के साथ भाग्य आजमाने वाले रामचंद सेन जिसे जमीनी कार्यकर्ता तो क्या बूथ लेवल के भाजपा कार्यकर्ता भी नहीं पहचानते जिन्होंने प्रत्याशी घोषित होने के पहले ना तो भाजपा कार्यालय में कभी कदम रखा और ना ही भाजपा का झंडा उठाया ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने पर चर्चा खूब हुई वहीं रविवार को वार्ड नंबर 38 के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामचंद्र सेन जी को शायद अपने वार्ड की सीमा भी नहीं मालूम वार्ड नंबर 38 से प्रचार करते करते वार्ड 37 तक प्रचार करने पहुँच गए कुछ देर प्रचार करने के बाद उनके साथ रहे किसी कार्यकर्ता ने जब वस्तु स्थिति समझा और प्रत्याशी से चर्चा की तब वह वापस वार्ड नंबर 38 की सीमा पर जाकर प्रचार करने लगे जिस बात की चर्चा वार्ड नंबर 37 में बनी हुई है .,
वही इस बात से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि वार्ड नंबर 37 के भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता और भाजपा प्रत्याशी के बीच की दूरी कितनी ज्यादा है बरहाल ऐसे कई वाक्य आने वाले समय में भी देखने को मिलते रहेंगे वर्तमान समय में निगम के क्षेत्र की जनता प्रचार अभियान का भरपूर आनंद ले रही है और कौन सा प्रत्याशी कितना काबिल इसका आकलन भी कर रही ताकि 11 फरवरी को इन प्रत्याशियों में से किसी एक का चयन कर अपने वार्ड की जिम्मेदारी उनके हाथों सौंप सके जो वार्ड और नगर निगम के बीच की एक मजबूत कड़ी के रूप में उनके साथ आने वाले 5 साल तक रहे