दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग विधानसभा के इतिहास में यदि किसी नेता ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही जनसेवा और जनसंपर्क के नए मानक स्थापित किए हैं, तो वह नाम है— गजेंद्र यादव। वर्तमान की राजनीति में दुर्ग विधानसभा के विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री गजेंद्र यादव न केवल जिले के सबसे प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं, बल्कि उन्होंने यह साबित कर दिया है कि समर्पण, संवाद और सेवा ही जनता के दिलों तक पहुंचने का सबसे सशक्त माध्यम है।
दुर्ग विधानसभा के इतिहास में ऐसा उदाहरण आज तक नहीं देखा गया कि कोई व्यक्ति पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने और सीधे प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक पहुंचे। यह उपलब्धि अपने आप में गजेंद्र यादव की लोकप्रियता और संगठन में उनके प्रभाव का परिचायक है।
गजेंद्र यादव का बढ़ता हुआ वर्चस्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि जनता से निरंतर जुड़ाव बनाए रखने के लिए उन्होंने पांच अलग-अलग स्थानों पर जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किए हैं। अब दुर्ग की जनता अपने विधायक और मंत्री से निम्न स्थानों पर सीधे मिल सकेगी —
1. निजी निवास विद्युत नगर,
2. सेवा सदन,PWD विभाग
3. गंजपारा कार्यालय,
4. मंत्री निवास (नया रायपुर),
5. विभाग का मंत्रालय कार्यालय।
इन पांच ठिकानों से जनता के बीच लगातार जुड़े रहकर उनकी समस्याओं को सुनने और निराकरण करने वाले गजेंद्र यादव दुर्ग विधानसभा के पहले ऐसे नेता साबित हो रहे हैं जो शासन और जनता के बीच मजबूत सेतु का कार्य कर रहे हैं।
इतिहास पर नजर डालें तो दुर्ग विधानसभा से पहले भी मोतीलाल वोरा, हेमचंद यादव और सरोज पांडे जैसे बड़े नेता निकले, जिन्होंने प्रदेश और देश की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी। परंतु इन सभी नेताओं का विधानसभा क्षेत्र में एक ही स्थायी ठिकाना रहा। वहीं, गजेंद्र यादव ने जनता के बीच हमेशा उपस्थित रहने की परंपरा शुरू की है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग और विशिष्ट बनाती है।
पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के पास एकमात्र आवासीय कार्यालय था, पूर्व मंत्री हेमचंद यादव का सिविल लाइन स्थित बंगला उनके पुत्र के पास अब भी है, वहीं सरोज पांडे, जो महापौर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक पहुंचीं, उनका भी एकमात्र कार्यालय जल परिसर में है। इसके विपरीत, गजेंद्र यादव ने जनता से सीधे संवाद के लिए पांच स्थानों पर जनसंपर्क केंद्र बनाकर जनभागीदारी का एक नया अध्याय शुरू किया है।
लगातार बढ़ते वर्चस्व और जनता के साथ गहराते रिश्तों के कारण आज गजेंद्र यादव न केवल दुर्ग, बल्कि पूरे प्रदेश में भाजपा के प्रमुख चेहरों में गिने जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में समर्थकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। शहर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आने वाले 20 से 25 वर्षों तक दुर्ग भाजपा की राजनीति में गजेंद्र यादव का वर्चस्व कायम रहेगा।
मंत्री बनने के बाद जनता को उनसे अपार उम्मीदें हैं। शहर की अव्यवस्थित स्थिति, निष्क्रिय शहरी सरकार और ठहराव से भरे प्रशासन के बीच अब लोगों को उम्मीद है कि गजेंद्र यादव के नेतृत्व में दुर्ग एक नए, सशक्त और विकसित शहर के रूप में उभरेगा।
बीते दो वर्षों में शहर की स्थिति में खास सुधार नहीं देखा गया था, किंतु अब जनता को उम्मीद है कि आने वाले तीन वर्षों में दुर्ग शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। मंत्री गजेंद्र यादव की सक्रियता, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और जनता से सीधा संवाद यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले समय में दुर्ग शहर प्रदेश के अग्रणी शहरी क्षेत्रों में शामिल होगा।
अब दुर्ग की जनता को बस इंतजार है —
वह नया दुर्ग देखने का, जिसकी बुनियाद रखी है मंत्री गजेंद्र यादव ने।