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एक राष्ट्र एक चुनाव की बात करने वाली बाघमार की शहरी सरकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विपक्ष का नहीं कर रही सम्मान ? Featured

 दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में गत दिवस विशेष सामान्य सभा सत्र का आयोजन किया गया था विशेष सामान्य सभा का आयोजन एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन के लिए किया गया था किंतु नगर पालिका निगम में एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रस्ताव सर्वसम्मति से न होकर बहुमत के आधार पर पास हुआ .
  बता दे कि दुर्गा नगर पालिक निगम में बाघमार सरकार पूर्ण बहुमत से है ऐसे में प्रस्ताव का पूर्ण बहुमत से पास होना मात्र औपचारिकता ही थी किंतु वही विशेष सामान्य सभा सत्र काफी गहमागहमी के बीच हुआ सामान्य सभा का विशेष सत्र में विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं कांग्रेस से कांग्रेस पार्षद एवं पूर्व महापौर आर एन वर्मा ने एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रस्ताव नगर निगम में लाने की बात का पुरजोर विरोध किया कांग्रेस के नेता आर एन वर्मा ने कहा कि नगर पालिका निगम नियमत: इस प्रकार के किसी भी प्रस्ताव को सदन के पटल पर नहीं रख सकती और इसका कोई औचित्य नहीं रह जाता. ऐसे में जब शहर में भिन्न-भिन्न समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है निगम के राजस्व की बर्बादी का औचित्य ही नहीं बनता.

   
   वहीं दूसरी तरफ अगर दुर्ग निगम की बाघमार सरकार की बात करें तो एक तरफ शहरी सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव की बात कर रही है परंतु दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बन चुकी भारतीय लोकतंत्र में पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है ऐसे में दुर्ग नगर निगम की शहरी सरकार के द्वारा विपक्ष को महत्व न देना एक बड़ा ही गंभीर विषय नजर आ रहा है लाखों रुपए खर्च कर बड़े-बड़े विज्ञापन देकर सत्ता संभालने और प्रभारी के पदभार ग्रहण करने के बाद शहरी सरकार ने अपना काम काज आरंभ किया परंतु लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस को उनका हक नहीं मिला .
  सत्ता परिवर्तन के बाद विपक्ष नेता की भूमिका निभा रहे हैं संजय कोहले ने कक्ष की मांग की परंतु शहरी सरकार को अस्तित्व में आये हुए दो माह से भी ज्यादा का समय हो चुका है उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है कक्ष नहीं .
   पूर्व की बाकलीवाल सरकार ने लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पेश करते हुए रूढ्ढष्ट भवन का विस्तार किया और सभागृह तथा दो अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया जो नेता प्रतिपक्ष के लिए एवं पार्षदों के लिए आरक्षित था . यह बात अलग है कि पिछली सरकार में भाजपा विपक्ष में थी और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में अजय वर्मा थे अजय वर्मा को पूर्व की बाकलीवाल सरकार के द्वारा कक्ष आवंटन किया गया था परंतु अजय वर्मा ने कक्ष नहीं लिया वहीं वर्तमान की बाघमार सरकार के द्वारा ऐसी कोई लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पेश नहीं की गई और ना ही वर्तमान समय तक नेता प्रतिपक्ष को कक्ष देने की पहल की गई .
  ऐसे में शहरी सरकार द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव की बात लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पर कहीं ना कहीं प्रश्न चिन्ह लगा रहा है बता दे कि प्रदेश के अन्य नगरी निकायों में नेता प्रतिपक्ष को कक्ष का आवंटन किया गया है वहीं कुछ निकायों में वाहन सुविधा भी दी गई है ऐसे में दुर्ग नगर पालिक निगम की शहरी सरकार द्वारा विपक्ष के नेता के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र को आईना दिखाने जैसा प्रतीत हो रहा है मंगलवार को हुए सामान्य सभा के विशेष सत्र के पहले विपक्ष की कांग्रेस ने निगम कार्यालय के द्वारा के पास नेता प्रतिपक्ष का अस्थाई कक्ष खुले स्थान पर कर अपना विरोध भी जताए अब देखना यह है कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लाभ की लंबी फेहरिस्त बताने वाली बाघमार सरकार  विपक्ष के लिए किस तरह का सार्थक कदम उठाती हैं और लोकतंत्र की खूबसूरती को बरकरार रखने की दिशा में उनके पहल का सभी को इंतजार है?

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