
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
रायपुर, 31 जुलाई 2025।
राज्य सरकार अब सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि जमीन पर बदलाव की बुनियाद रख रही है। मंत्रालय (महानदी भवन) में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि "गांव सिर्फ आंकड़ों में नहीं, जीवन स्तर में भी बदलाव महसूस करें।"
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं और मेहनतकश वर्ग राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्हें स्व-सहायता समूहों के ज़रिए खेती, जैविक उत्पादन, मशरूम पालन और वनोपज प्रसंस्करण में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
? इन उत्पादों को ऑनलाइन व ऑफलाइन बाजारों तक पहुँचाने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय महिला उद्यमियों को आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी आजीविका समूहों से जोड़ा जाए और उन्हें आयमूलक कार्यों में शामिल किया जाए।
उन्होंने जानकारी दी कि आईआईटी भिलाई और अन्य तकनीकी संस्थानों के सहयोग से महुआ, साल बीज, चिरौंजी, हर्रा-बहेड़ा जैसे वनोपजों के प्रसंस्करण और विपणन की इकाइयाँ प्रत्येक जिले में स्थापित की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि
?️ “निर्माण कार्यों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय की जाए और लापरवाही पर कठोर कार्रवाई की जाए।”
विशेषत: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
‘मोरे गांव, मोरे पानी’ महाभियान के अंतर्गत अब तक 37,090 जल संरचनाएं निर्मित की जा चुकी हैं।
? इसमें तालाब गहराईकरण, डबरी, चेक डैम, रिचार्ज शाफ्ट और परकोलेशन टैंक शामिल हैं।
जनभागीदारी से 3.32 लाख से अधिक जल-कार्य पूर्ण हुए हैं, जो राज्य की जल आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि
? “हर पात्र व्यक्ति को गरिमामय आवास देना सरकार की प्राथमिकता है। सभी स्वीकृत आवासों का समयबद्ध और पारदर्शी निर्माण सुनिश्चित किया जाए।”
वर्तमान में 33,000 से अधिक आवासों की स्वीकृति हो चुकी है, जिनमें से 10,500 आवास पूर्ण हो चुके हैं।
साथ ही, जिन जिलों में प्रगति धीमी है, वहाँ राज्य स्तर से मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
? बैठक में मौजूद प्रमुख अधिकारी:
प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संयुक्त सचिव धर्मेश कुमार साहू, पंचायत संचालक प्रियंका महोबिया सहित विभागीय अधिकारी।
? भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का संभागीय सम्मेलन बिलासपुर में संपन्न, कांग्रेस पर जमकर बरसे उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष
? बिलासपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के मंच से कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बिलासपुर में आयोजित भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के संभागीय सम्मेलन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि "जिस पार्टी ने 60 साल तक पिछड़ा वर्ग की अनदेखी की, वही अब चुनावी डर से माफी की बात कर रही है।"
सम्मेलन को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा —
"कांग्रेस की राजनीति केवल वोट बैंक तक सीमित रही। पिछड़ा वर्ग को 60 वर्षों तक केवल इस्तेमाल किया गया। आज जब जमीन खिसक रही है, तो राहुल गांधी को माफी याद आ रही है। मगर अब यह समाज जागरूक है, और जानता है कि उसका सच्चा हितैषी कौन है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग को सम्मान और अवसर दोनों मिले हैं। समाज राष्ट्रहित में भाजपा और मोदी सरकार के साथ खड़ा है।
साव ने सम्मेलन में ‘एक देश, एक चुनाव’ की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे न सिर्फ़ समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि विकास की गति को भी नई रफ्तार मिलेगी।
सम्मेलन के दौरान सिम्स परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की गई। उप मुख्यमंत्री ने स्वयं पौधारोपण कर कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे भी अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान को आगे बढ़ाएं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने सम्मेलन में कहा —
"पार्टी की नीति में सामाजिक समरसता सर्वोपरि रही है। भाजपा ने हमेशा पिछड़े वर्ग को गरिमामय प्रतिनिधित्व दिया है, चाहे वह मंत्रिमंडल हो या स्थानीय निकाय चुनाव।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियानों के माध्यम से आतंकवाद को निर्णायक जवाब दिया है और भारत की वैश्विक छवि सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित की है।
प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ,मंत्री लखनलाल देवांगन ,वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक,विधायक सुशांत शुक्ला, प्रणव मरपाची, प्रेमचंद पटेल,पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष राकेश चंद्राकर,पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल
पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष नेहरू निषाद,क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी,महापौर पूजा विधानी,भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, मोहित जायसवाल,जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी,भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता
बिलासपुर सम्मेलन के जरिए भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि आगामी चुनावों में पिछड़ा वर्ग पार्टी की रणनीति का केंद्र रहेगा। कांग्रेस की ‘माफी राजनीति’ को जनता के समक्ष उजागर कर भाजपा जनमानस को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रही है।
कबीरधाम / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधायक द्वारा सोशल मिडिया में वीडियो जारी करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री के ऊपर बड़ा आरोप लगते हुए कहा गया कि सामाजिक रूप से मुझे जानकारी मिली है की यादव समाज के एक युवा माखन यादव जो कवर्धा जिले के बोडला थाना अंतर्गत अचानकपुर तेंदूटोला निवासी युवक है । वो आज पुलिस के प्रताणना से तंग आकर फासी लगाकर आत्महत्या कर ली है ।
ये हृदय विदारक दिल झकझोर देने वाली घटना है इस घटने के बाद मृतक परिवार यादव समाज और ग्रामीण जनों द्वारा पुलिस प्रशासन के इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ मृत शव को लेकर न्याय की मांग पर नेशनल हाइवे जाम कर धरने पर बैठ गए है । चुकी पीड़ित परिवार,यादव समाज सहित ग्रामीणजन प्रताड़ित कर आत्महत्या पर मजबूर करने वाले पुलिस अधिकारी कर्मचारीयो के खिलाफ तुरंत कार्यवाही और शासन से मृतक के परिवार को न्यायिक मुवावजा की मांग कर रहे है जो की न्याय संगत है ।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात
छत्तीसगढ़ में सात हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं को जल्द मिलेगी वित्तीय स्वीकृति
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यों की वित्तीय स्वीकृति को शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।
इसके साथ ही केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ होगा।
रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सड़क योजनाएं की प्लानिंग में अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। श्री गडकरी ने रायपुर-आरंग-बिलासपुर-दर्री के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर जल्दी बनाने के लिए आदेशित किया, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, समृद्धि एक्सप्रेसवे का विस्तार रायपुर तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा कुछ ज़रूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बना छत्तीसगढ़ का पहला विशेष आवास
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार से प्राप्त 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति के अंतर्गत सुकमा जिले के ग्राम ओईरास, ग्राम पंचायत गादीरास की एक नक्सल पीड़ित परिवार की मुखिया श्रीमती सोडी हुंगी पत्नी स्वर्गीय मासा सोडी को पक्का मकान मिल गया है। यह राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों एवं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत तैयार होने वाला पहला मकान है, जो न केवल सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि पीड़ित परिवार के पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर भी है।
श्रीमती सोडी हुंगी, वर्ष 2005 में नक्सलियों के हिंसा की शिकार हुईं, जब उनके पति मासा सोडी की मुखबिरी के संदेह में धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। अत्यंत गरीब यह परिवार वर्षों तक कच्चे घर में रहने को मजबूर था, जहां बरसात में टपकती छत और जहरीले कीड़े-मकोड़ों से जान का खतरा बना रहता था।
ग्राम पंचायत गादीरास द्वारा वर्ष 2024-25 में विशेष परियोजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पात्र पाए जाने पर श्रीमती सोडी हुंगी का नाम प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर हितग्राही के खाते में चरणबद्ध रूप से तीन किश्तों में कुल 1 लाख 35 हजार की राशि जारी की गई। शासन की पारदर्शी प्रक्रिया, तकनीकी मार्गदर्शन और समय-समय पर की गई निगरानी के चलते 8 जुलाई 2025 को आवास निर्माण कार्य पूरा हुआ, जिसमें श्रीमती सोडी हुंगी अब अपने परिवार के साथ रहने लगी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ श्रीमती सोडी हुंगी को अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हुआ है, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति, मनरेगा के तहत 90 दिवस की मानव मजदूरी का भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शामिल है।
श्रीमती सोडी हुंगी के बेटों ने कहा कि हमारा परिवार आज सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी पा रहा है। यह सब जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत संभव हुआ है। हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं केंद्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास हेतु इतनी संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में आवास निर्माण की यह विशेष परियोजना एक ठोस कदम है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा नक्सल पीड़ित एवं आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति प्रदान की गई है। पीड़ित परिवारों के लिए आवासों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। सुकमा जिले में कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जिले में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
दुर्ग / शौर्यपथ
बोधगया के महाबोधि महाविहार से जुड़े धार्मिक स्वामित्व विवाद पर जहां सुप्रीम कोर्ट से लेकर पटना हाई कोर्ट तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है, वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में बौद्ध समाज इस विषय को लेकर मुखर हो रहा है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बौद्ध अनुयायी इस मांग को लेकर पिछले एक माह से शांतिपूर्ण आंदोलन चला रहे हैं कि महाबोधि महाविहार का संचालन पूरी तरह बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए।
बौद्ध धर्म के अनुसार बोधगया वह स्थल है जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह स्थान न केवल भारत, बल्कि विश्व के करोड़ों बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। वर्तमान में इसका संचालन बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति अधिनियम 1949 (बी.टी.एम.सी. एक्ट) के अंतर्गत एक संयुक्त समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें बौद्धों के साथ हिन्दू समुदाय के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
मूल मुद्दा क्या है?
बौद्ध संगठनों का तर्क है कि यह समिति संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में निहित धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें बी.टी.एम.सी. एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने तथा महाविहार का नियंत्रण पूर्णतः बौद्धों को सौंपे जाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को अनुच्छेद 32 के तहत स्वीकार करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को पटना हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया है।
दुर्ग में चल रहा शांतिपूर्ण आंदोलन
इस न्यायिक प्रक्रिया के बीच, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 'ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम' की जिला इकाई द्वारा आंदोलन चलाया जा रहा है, जिसमें बौद्ध अनुयायी बोधगया मंदिर को पंडों व बाहरी नियंत्रण से मुक्त कर, बौद्धों को सौंपने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन से जुड़े ज्ञापनों में यह भी कहा गया है कि यदि यह धार्मिक अधिकार बहाल नहीं किया गया, तो इससे देशभर में बौद्धों की आस्था को ठेस पहुंचेगी और असंतोष की स्थिति पैदा हो सकती है।
इस आंदोलन का नेतृत्व फोरम की जिला अध्यक्षा सविता बौद्ध एवं जिला प्रभारी जयंती बौद्ध द्वारा किया जा रहा है। ज्ञापन की प्रतिलिपियाँ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय व बिहार सरकार को प्रेषित की गई हैं।
"हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण, अहिंसक और बौद्ध परंपरा की मर्यादाओं के अनुरूप है। हमारा उद्देश्य किसी समुदाय से संघर्ष नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों की पुनर्स्थापना है।"
— सविता बौद्ध, अध्यक्षा, ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम (दुर्ग)
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण
महाबोधि महाविहार न केवल भारत का, बल्कि यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। इसका प्रबंधन और संचालन एक अत्यंत संवेदनशील विषय है, जिस पर भारत सरकार, बिहार प्रशासन और न्यायपालिका को सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
दुर्ग में चल रहा यह आंदोलन न केवल स्थानीय जनजागरण का प्रतीक है, बल्कि यह देशभर में बौद्ध समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की पुनर्स्थापना की एक अहिंसक पहल भी बन गया है। अब देशभर की निगाहें इस विषय पर पटना हाई कोर्ट और भारत सरकार के आगामी निर्णयों पर टिकी हैं।
माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 पारित
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, राज्य में व्यापार एवं वाणिज्य को सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को कानूनी राहत, कारोबारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कर मामलों का शीघ्र निराकरण और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
विधेयक में इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधानों को और स्पष्ट किया गया है ताकि कारोबार, कर भुगतान और क्रेडिट के उपयोग में पारदर्शिता आ सके। विशेष श्रेणी के लेन-देन (जैसे सेज, निर्यात, वेयरहाउस परिसंचरण) को स्पष्ट परिभाषित किया गया है। साथ ही वित्त अधिनियम, 2025 के केंद्र सरकार के संशोधनों के अनुरूप कई तकनीकी और प्रक्रियागत बदलाव किए गए हैं।
माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 के अनुसार इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर नियम में संशोधन किया गया है। अब आईजीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत प्राप्त इनपूट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपनी शाखाओं में करने की अनुमति मिलेगी। इससे जीएसटी अधिनियम की विसंगतियां दूर होंगी और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।
विधेयक में ऐसे पेनाल्टी की राशि जिसमें टैक्स डिमांड शामिल नहीं है ऐसे प्रकरणों में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करने के लिए पूर्व डिपोजिट 25 प्रतिशत राशि को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार वाउचर टैक्स निर्धारण को और अधिक स्पष्ट किया गया है। पहले जीएसटी प्रणाली में वाउचर पर कर निर्धारण के संबंध स्थिति स्पष्ट नही थी इस पर जीएसटी कब लगेगा इन्हें जारी करने के समय या इन्हें रिडीम करते समय इस संबंध में विभिन्न एंडवास रूलिंग अथारिटी मत भिन्नता थी। संशोधन विधेयक के अनुसार अब वाउचर रिडीम करते समय जीएसटी लगेगा।
तंबाकू आदि उत्पादों के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म लागू किया गया है, जिससे उनकी आपूर्ति श्रृंखला की कड़ी निगरानी हो सकेगी। ऐसे उत्पादों के सभी यूनिट पैकेट में एक क्यूआर कोड अंकित करना होगा, जिसे स्कैन करने पर निर्माता, उत्पाद, एमआरपी, विक्रेता, बिल आदेश, भुगतान के सभी रिकार्ड आदि जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही निर्माता और होलसेलर को इन यूनिट पैकेट के मूव्हमेंट का रिकार्ड रखना होगा। ताकि जांच एजेंसियों को किसी भी समय ऐसी सूचनाएं उपलब्ध हो सके।
विशेष आर्थिक क्षेत्र को प्रोत्साहन के तहत इन विशेष क्षेत्रों के वेयर हाउस में रखे गए वस्तुओं के निर्यात किए जाने से पूर्व वस्तुओं के फिजिकल मूवमेंट के बिना क्रय विक्रय किए जाने पर अब जीएसटी नहीं लगेगा। यह बदलाव सेज में निवेश और कारोबार को बढ़ावा देगा तथा ये क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे। विधेयक में ‘प्लांट या मशीनरी’ शब्दों के स्थान पर ‘प्लांट और मशीनरी‘ शब्दो को प्रतिस्थापित किया गया है। प्लांट शब्द में ‘भवन‘ सम्मिलित नहीं होगा एवं इस पर इनपुट क्रेडिट की पात्रता नहीं होगी। डिजिटल मुहर, डिजिटल चिन्ह या किसी प्रकार का अन्य चिन्हांकन सहित ‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’ का प्रावधान भी शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024-25 में राज्य को 16,299 करोड़ रूपए जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38 प्रतिशत है। इस वर्ष 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गई और छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा। राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की सीमा 50,000 रूपए से बढ़ाकर 1,00,000 रूपए कर दी गई है, जिससे 26 प्रतिशत छोटे व्यापारियों को कागजी कार्यवाही से राहत मिली है।
नई सरकार के गठन के बाद से 43,612 नए पंजीकरण किए गए हैं। पंजीकरण प्रक्रिया को 13 दिनों से घटाकर अब सिर्फ 2 दिन में पूर्ण किया जा रहा है। पूर्व में केवल 15 जिलों में जीएसटी कार्यालय थे, अब राज्य के 33 जिलों में कार्यालय स्थापित कर दिये गये हैं। कर अपवंचन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया गया है।
डेयरियों की गंदगी पर 5000 का जुर्माना, नोटिस जारी किए जाएंगे
सभी सहायक राजस्व निरीक्षक वार्डों में फील्ड में रहकर करेंगे निगरानी
दुर्ग /शौर्यपथ /नगर पालिक निगम! महापौर अलका बाघमार ने आज निगम परिसर के सभागार मे आज लोक कर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर व राजस्व विभाग प्रभारी शेखर चंद्राकर सहित अधिकारियो की मौजूदगी मे वार्ड-वार इंजिनियरो व सहायक राजस्व निरीक्षकों की क्लास ली.
उन्होंने कहा की शहर सीमा क्षेत्र अंतर्गतनिरीक्षण के दौरान उन्होंने वार्डों में सफाई व्यवस्था,अवैध निर्माण और कर वसूली की स्थिति का गहन परीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरों और सहायक राजस्व निरीक्षकों की बैठक लेकर कड़े निर्देश जारी किए।
-अवैध निर्माण पर तत्काल रोक का आदेश:
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि शहर में बिना अनुमति चल रहे निर्माण कार्यों की तुरंत जांच की जाए।यदि निर्माण की अनुमति नहीं है, तो उसे तत्काल रोका जाए और संबंधितों को नोटिस जारी किया जाए।उन्होंने निर्देश दिया कि सहायक राजस्व निरीक्षक फील्ड में रहकर हर निर्माण गतिविधि की निगरानी करें और वार्ड इंजीनियर को उसकी जानकारी दें।
गंदगी फैलाने वाली डेयरियों पर जुर्माना
महापौर ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र की सभी डेयरियों की सफाई व्यवस्था की जांच की जाएगी।जहां गंदगी पाई जाएगी, उन डेयरियों पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें निगम द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
उन्होंने सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि वे ARI के साथ मिलकर जुर्माने की वसूली सुनियोजित ढंग से करें।
फील्ड में रहकर करें कार्य, ईमानदारी से करें कार्य..
महापौर ने सभी सहायक राजस्व निरीक्षक को निर्देशित किया कि वे वार्डों में नियमित रूप से फील्ड में उपस्थित रहें, टैक्स वसूली में पारदर्शिता रखें और निर्माण कार्यों की अद्यतन जानकारी समय-समय पर दें।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं लोक कर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर ने कहा की 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट, लापरवाही पर कार्रवाई तय, उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों और सहायक राजस्व निरीक्षकों को 15 दिनों के भीतर वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जिन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट नहीं दी जाएगी या कार्य में लापरवाही बरती जाएगी, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नियमों का पालन अनिवार्य
बैठक में नगर निगम के इंजीनियरिंग स्टाफ और राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। महापौर ने कहा कि शहर की छवि और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अव्यवस्था किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अधिकारी जिम्मेदारी के साथ फील्ड में काम करें और जनता को बेहतर सुविधा दें!इस अवसर पर लोककर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर बाजार प्रभारी शेखर चंद्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, कार्यपालन अभियंता दिनेश कुमार नेताम,सहायक अभियंता संजय ठाकुर, विनोद मांझी हरिशंकर साहू, पंकज साहू, विकास दमाहे, प्रेरणा दुबे, अर्पणा मिश्रा,राजस्व व बाजार अधिकारी शुभम गोयर सहित राजस्व विभाग अमला मौजूद रहे!
हर वार्ड में बनेगा सफाई रजिस्टर, 12 बजे बाद क्लस्टर सिस्टम लागू होगा, कंट्रोल रूम से सीधे दर्ज होंगी शिकायतें
रिसाली / SHOURYAPATH /
नगर पालिक निगम रिसाली में सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कई निर्णय लिए गए। अब से हर वार्ड के सफाई सुपरवाइजरों को प्रतिदिन सफाई कार्यों की जानकारी संबंधित पार्षद को देनी होगी, साथ ही नागरिकों से सफाई की पुष्टि कराकर रजिस्टर में हस्ताक्षर लेना अनिवार्य किया गया है।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक वार्ड के लिए तीन अलग-अलग रजिस्टर बनाए जाएं, जिनमें:
नाली की सफाई
सड़क-बाजार क्षेत्र की सफाई
पार्षद एवं नागरिकों की शिकायतें
का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नाली सफाई की जानकारी “कहां से कहां तक” हुई, यह नागरिकों से प्रमाणित कराना होगा, जबकि सड़क और बाजार क्षेत्र की सफाई कार्यों की जानकारी सुपरवाइजर द्वारा पार्षद को दी जाएगी। यदि किसी पार्षद की ओर से सफाई कार्यों को लेकर कोई शिकायत है, तो उसे रजिस्टर के रिमार्क कॉलम में दर्ज कर तत्काल जन स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराना होगा।
बैठक में कई पार्षदों ने यह शिकायत की कि दोपहर 12 बजे के बाद सफाईकर्मी वार्डों में नज़र नहीं आते, जबकि उनकी ड्यूटी दोपहर 2 बजे तक की है। इस पर आयुक्त ने एक नई कार्य योजना के तहत निर्देश दिया कि अब 3 से 4 वार्डों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा। इन क्लस्टर्स में सफाई कर्मचारी बल्क में एकत्र होकर हर दिन किसी एक वार्ड में गहन सफाई कार्य करेंगे। इसके लिए पार्षदों को रोस्टर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
नवाचार के तहत आयुक्त ने जनस्वास्थ्य विभाग में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने की घोषणा की है। शीघ्र ही इसके लिए टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, जिससे नागरिक सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
शिकायतें प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध की जाएंगी और संबंधित सुपरवाइजर को तत्काल कार्रवाई के लिए सौंपा जाएगा।
बैठक में महापौर शशि सिन्हा के साथ नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र साहू, एमआईसी सदस्य अनिल देशमुख, जहीर अब्बास, रंजीता बेनुआ, ममता यादव, जमुना ठाकुर, चन्द्रभान ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, विनय नेताम, धर्मेन्द्र भगत, अनुप डे, शीला नारखेड़े, सोनिया देवांगन, रमा साहू, हरीशचन्द्र नायक, खिलेन्द्र चंद्राकर, पार्वती, सारिका साहू सहित कई पार्षद उपस्थित रहे।
? निष्कर्ष:
रिसाली नगर निगम द्वारा उठाए गए ये कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। यदि यह मॉडल सफल रहा, तो इसे अन्य नगरीय निकायों में भी लागू किया जा सकता है।
– संवाददाता
91 कर्मियों की सेवाओं को किया गया सम्मानित, संयंत्र प्रबंधन ने दी उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं
भिलाई / SHOURYAPATH /
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र से जुलाई 2025 माह में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन भावपूर्ण वातावरण में किया गया। इस माह कुल 91 कर्मचारी सेवा से निवृत्त हो रहे हैं, जिनमें 14 कार्यपालक तथा 77 गैर-कार्यपालक कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी कर्मियों ने संयंत्र की प्रगति में अपने योगदान से नई ऊँचाइयाँ सुनिश्चित कीं।
कार्यपालकों हेतु विदाई समारोह इस्पात भवन स्थित निदेशक प्रभारी सभागार में आयोजित किया गया, जहाँ संयंत्र के वरिष्ठ कार्यपालक निदेशकगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। वहीं गैर-कार्यपालकों के लिए समारोह का आयोजन भिलाई निवास परिसर में हुआ, जहाँ सहकर्मियों ने आत्मीय वातावरण में उन्हें विदाई दी।
सेवानिवृत्त होने वाले कार्यपालकों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
मुख्य महाप्रबंधक: राजीव कुमार श्रीवास्तव
महाप्रबंधक: सुधीर सोरते, सेवाराम जटरेले, श्याम नारायण सिंह
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी: डॉ. नोहर सिंह ठाकुर
उप महाप्रबंधक: सुनील कुमार
सहायक महाप्रबंधक: मोहम्मद आरिफ खान, मृदुल कुमार श्रीवास्तव, राजिल कुमार रणदीवे, दीपांकर कुमार मजुमदार, राज कुमार शुक्ला, जीएमवी पद्मिनी कुमार
वरिष्ठ प्रबंधक: बीरेंद्र कुमार सिंह
उप प्रबंधक: अनिल कुमार फुले
कार्यक्रम में संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति आदेश-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया और उनके समर्पित कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने सेवानिवृत्त सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि “संयंत्र की आधारशिला को मजबूत बनाने में आपके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। आपका परिश्रम, अनुशासन और संगठन के प्रति निष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।”
इस अवसर पर सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को स्वस्थ, सम्मानजनक एवं आनंदमय जीवन की शुभकामनाएं दी गईं।