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विशेष लेख : छत्तीसगढ़ सरकार की सराहनीय पहल: रोशनी में बचत और राहत दोनों

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   शौर्यपथ सम्पादकीय / प्रदेश की जनता के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर संवेदनशील सोच और दूरदर्शी नीति का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में लागू की गई "बिजली बिल आधा" योजना मध्यम, निम्नवर्गीय और आम नागरिक परिवारों के लिए राहत की किरण लेकर आई है। 200 यूनिट तक बिजली खपत पर आधा बिल भुगतान की यह नीति न केवल जनहितकारी है, बल्कि ऊर्जा संरक्षण की दिशा में एक व्यावहारिक कदम भी है।
यह योजना प्रदेश के हर उस परिवार को सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जिसकी खपत 200 यूनिट तक रहती है। जो परिवार इससे अधिक बिजली खर्च करते हैं, उन्हें 200 यूनिट तक रियायत और शेष बिल का पूरा भुगतान करना होगा।
इस विभाजन से दो लाभ एक साथ मिलेंगे—एक ओर आम जनता को राहत मिलेगी, तो दूसरी ओर बिजली की मितव्ययिता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। व्यर्थ उपयोग करने वालों के लिए यह योजना चेतावनी का भी काम करेगी, क्योंकि आर्थिक अनुशासन अब ऊर्जा उपयोग से सीधे जुड़ा रहेगा।
आज जब ऊर्जा खपत तेजी से बढ़ रही है और बिजली उत्पादन महंगा होता जा रहा है, ऐसे समय में यह कदम प्रदेश के आर्थिक संतुलन को संभालने में भी मदद करेगा।
सरकार की यह नीति यह संदेश देती है कि सामाजिक न्याय का अर्थ सिर्फ सहयोग नहीं, बल्कि विवेकपूर्ण उपयोग और समान अवसर भी है।राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, आमजन को राहत देने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने का यह संगम सचमुच उल्लेखनीय है।
यह योजना साबित करती है कि सरकार का उद्देश्य केवल मुफ्तखोरी नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिकता के साथ सामूहिक प्रगति है।

शरद पंसारी - संपादक शौर्यपथ दैनिक समाचार

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