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मोदी जी देश के मिडिल क्लास को क्यों मंझदार में छोड़ रहे है ... Featured

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शौर्यपथ लेख / कोरोना महामारी ने देश की अर्थ व्यवस्था को सडक पर ला दिया है . इस कोरोना काल में जहां कई उद्योगपति अपने संपत्ति में इजाफा करते नजर आये है वही गरीबो के लिए राज्य व केंद्र सरकार योजनाये ला कर उनके जीवन को आसान कर रही है . सरकार कितना भी दावा कर ले कि देश में सब ठीक चल रहा है किन्तु ये बिलकुल ही गलत है . वर्तमान में देश एक साल से ज्यादा समय से कोरोना संकट के कारण कई तरह की मुसीबत से गुजर रहा है ऐसे में समाज का एक बड़ा वर्ग आज भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है . ऐसे कई कारण है जिसके कारण देश का बड़ा वर्ग मिडिल क्लास आज कई तरह की परेशानियों से गुजर रहा है किन्तु केंद्र की मोदी सरकार को इनकी कोई चिंता नहीं है . लगातार नौकरिया जा रही है बेरोजगारी दर बढ़ रही है ऐसे में मिडिल क्लास जिसे ना तो गैस में सब्सिडी है , ना राशन फ्री है , ना स्कूल फीस में कोई कमी , ना आय के कोई स्रोत उलटे घर के राज्मर्रा के खर्च , बच्चो की आश्वश्यक ज़रुरतो को पूरी करने की कवायद स्कूलों द्वारा फीस जमा करने का दबाव , बिजिली बिल , राशन का खर्च , ईएमआई का तनाव कई उद्योग का सञ्चालन बंद जिससे मिडिल क्लास जुदा हुआ है जैसे माल का सञ्चालन बंद , ट्रांसपोर्ट में बंदी के कारण कई लोगो का बेरोजगार होना , उद्योगों में छटनी आदि ऐसे कई कारण है जिनके कारण मिडिल क्लास की परेशानिया बढती ही जा रही है किन्तु केंद्र सरकार द्वारा समाज के इस बड़े वर्ग के लिए कोई योजना नहीं है उलटे अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाने का दबाव है .
वर्तमान हालत में मिडिल क्लास ना तो वर्तमान स्थिति के कारण किसी से कर्ज ले पा रहा है ना कोई रोजगार तलाश कर पा रहा है उलटे इस आपदा और लॉक डाउन के फैसलों के कारण कर्जदार अलग हो गया कोई बैंक के किस्तों के क़र्ज़ में दब गया कोई स्कूल फीस के बोझ तले दब गया कोई परिवार की दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहा है किन्तु समाज के मिडिल क्लास वर्ग के लिए ना तो राज्य शासन कोई ठोस कदम उठा रही है ना ही केंद्र सरकार शताब्दी बाद आये महामारी के कारण ये तो स्पष्ट हो गया कि किसी भी सरकार को मिडिल क्लास की चिंता नहीं जो ना तो मांग कर खा सकता है ना किसी योजना का हिस्सा बन सकता है और ना कमा कर खा सकता है अपनी ज़रुरतो को पूरा कर सकता है .
क्या राज्यों की सर्कार्कारे और केंद्र की सरकार के लिए मिडिल क्लास सिर्फ वोट बैंक है अब मिडिल क्लास को सोंचना है कि उन्हें कैसी सरकार का चयन करना है क्योकि वर्तमान की केंद्र सरकार जितना कार्य करती है उससे ज्यादा दिखावा करती है राज्य की सरकारे जो भी योजनाये बनाती है उसमे लाभी या तो गरीब वर्ग को होता है या धनवानों को मिडिल क्लास के बारे में आज कोई भी सरकारे ना कुछ सोंच रही है ना जमीनी स्तर पर कोई कार्य कर रही है ऐसे में मिडिल क्लास क्या करे इसका जवाब किसी के पास नहीं ....

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शौर्यपथ

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