पटना | ब्यूरो रिपोर्ट, शौर्यपथ न्यूज़ नेटवर्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, सियासी बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज़ हो गया है।
महागठबंधन जहां 28 अक्तूबर को अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने और राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की साझा रैली के ज़रिए विपक्षी अभियान की शुरुआत करने जा रहा है, वहीं सत्तारूढ़ एनडीए ने विपक्ष पर तीखा पलटवार शुरू कर दिया है।
?️ तेजस्वी यादव का वार — “नीतीश सरकार चलाने लायक नहीं”
राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना में आयोजित जनसभा में नीतीश कुमार सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा —
“यह सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही। अब बिहार को नई दिशा और नई सोच की ज़रूरत है। नीतीश सरकार अब चलाने लायक नहीं रही।”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा से राज्य फिर पीछे जा रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का आगामी घोषणा पत्र युवाओं के भविष्य और आर्थिक न्याय पर केंद्रित होगा।
? अमित शाह का पलटवार — “लालू-राबड़ी की सरकार आई तो फिर से जंगलराज लौटेगा”
राजद के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी सभा में कहा —
“बिहार के लोग लालू-राबड़ी के उस दौर को भूले नहीं हैं, जब अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। अगर वह सरकार फिर आई, तो बिहार फिर से जंगलराज में लौट जाएगा।”
शाह ने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया है और अब कोई पीछे नहीं धकेल सकता।
? पप्पू यादव को आयकर विभाग का नोटिस
इधर, जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव को आयकर विभाग (IT) द्वारा नोटिस भेजे जाने की खबर ने राजनीतिक हलचल और बढ़ा दी है।
पप्पू यादव ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताते हुए कहा है कि वे जनता की आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
?️ चुनावी कार्यक्रम और प्रशासनिक तैयारी
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान की घोषणा कर दी है, जिसमें 121 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी।
पटना जिला प्रशासन ने मई 2025 में मतदान केंद्रों और परिवहन व्यवस्था के लिए निविदा सूचना जारी की थी।
? महागठबंधन की तैयारी और राहुल-तेजस्वी की रैली
28 अक्तूबर को महागठबंधन पटना में विशाल रैली के माध्यम से संयुक्त घोषणा पत्र जारी करेगा। इसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक साथ मंच पर रहेंगे।
यह कार्यक्रम न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता का प्रतीक माना जा रहा है।
? राजनीतिक समीकरण और असर
बिहार की राजनीति में अब स्पष्ट दो ध्रुव बन चुके हैं —
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एक ओर एनडीए “विकास और स्थिरता” की बात कर रहा है,
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दूसरी ओर महागठबंधन “बदलाव और सामाजिक न्याय” का नारा दे रहा है।
पप्पू यादव का मामला, अमित शाह के बयान और तेजस्वी के तीखे आरोपों के बीच अब बिहार का चुनाव पूरी तरह सियासी टकराव के निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है।
? संक्षेप में
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28 अक्तूबर को महागठबंधन का घोषणा पत्र और राहुल-तेजस्वी की रैली
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तेजस्वी बोले – “नीतीश सरकार चलाने लायक नहीं”
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अमित शाह ने चेताया – “लालू-राबड़ी की सरकार आई तो लौटेगा जंगलराज”
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पप्पू यादव को IT विभाग का नोटिस
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पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान की अधिसूचना जारी
? रिपोर्ट: शौर्यपथ संवाददाता