प्रमुख — राजनाथ सिंह: “विपक्ष वक्फ बोर्ड को लेकर झूठ बोलता है; संसद में बना कानून कोई नहीं हटा सकता” | अमित शाह: “बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली नहीं” | NDA ने मैथिली को आधिकारिक दर्जा दिलाया — रैलियों में विकास का वादा और परिवारवाद पर हमला
पटना / एजेंसी / बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के समीकरण तेज होते जा रहे हैं और भाजपा ने मोर्चा संभालते हुए केन्द्र के बड़े नेताओं — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह — को दरभंगा और पटना में रैलियों के लिए उतार दिया है। भाजपा नेताओं ने रैली-सभाओं में विपक्ष पर तीखे प्रहार किए और विकास व सामान्य न्यायकथा पर जोर देते हुए मतदाताओं से समर्थन मांगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दरभंगा के हायाघाट में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष लगातार वक्फ बोर्ड को लेकर भ्रम फैला रहा है। उनके शब्दों में, “जो कानून संसद में बना है, वो बना रहेगा। संसद में बना कानून कोई नहीं हटा सकता।” राजनाथ ने यह भी कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती और अफवाहों से जनता को गुमराह नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने RJD और कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान विकास पर लगी ‘ब्रेक’ की बात कर के NDA की विकास-क्षमता को उभारने की कोशिश की — “अगर विकास को रोकना था तो केवल NDA ही उसे तोड़ सकता है,” उनके शब्द रहे।
रक्षा मंत्री ने पटना में कहा कि पहले ‘ना खाता न बही, जो लालू कहे वही सही’ जैसा नारा चलता था, पर अब वह दौर खत्म हो चुका है। उन्होंने कानून-व्यवस्था और अपराध के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आश्वासन भी दिया: “अगर एक भी बच्चे का अपहरण हो जाए तो हम उसको उल्टा कर देंगे।”
दो दिन पूर्व तेजस्वी यादव द्वारा कथित तौर पर वक्फ बिल फाड़ने की धमकी के राजनीतिक संकेतों के मद्देनजर राजनाथ के ये बयान खास संदेश दे रहे हैं — भाजपा चाहती है कि वक्फ से जुड़ी किसी भी अफवाह को चुनावी बहस नहीं बनने दिया जाए।
अमित शाह ने दरभंगा के अलीनगर में आयोजित रैली में आरोपों का पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस और RJD परिवारवाद पर आधारित हैं। शाह ने उदाहरण देते हुए कहा कि 25 वर्षीय संगीतकार मैथिली ठाकुर को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भाजपा ने टिकट दिया — और सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस या RJD में ऐसा संभव है। शाह ने निशाना साधते हुए कहा, “सोनिया जी राहुल को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। मैं बताना चाहता हूँ — दिल्ली में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार के रहते अभी कोई वैकेंसी खाली नहीं है।”
शाह ने अपने भाषण में NDA सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया — मैथिली भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलवाना, संविधान का भाषा में अनुवाद, तथा मिथिला क्षेत्र में देवी सीता के मंदिर निर्माण की पहल — और जो स्थान उन्होंने दौरे पर देखे, उन्हें राम सर्किट से जोड़ने की बात कही।
राजनीतिक समीकरणों पर कटाक्ष के साथ, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने यह संदेश भी दिया कि गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे और नेतृत्व स्थिर हैं — मतदाताओं के सामने ‘स्थिरता और विकास’ की डोर रखना पार्टी का उद्देश्य दिखा।
इसी सिलसिले में झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पटना में कहा कि मुसलमान भाजपा को वोट नहीं देते फिर भी केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबको बिना भेदभाव पहुँचा दिया गया है। मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के तहत योजनाओं के सार्वभौमिक वितरण की बात कह कर भाजपा की सामाजिक समावेशन छवि को रेखांकित किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शहाबुद्दीन के गढ़ सीवान में रैली की जहां RJD और शहाबुद्दीन परिवार पर निशाना साधा गया। योगी ने कहा कि RJD प्रत्याशी ‘ओसामा’ के नाम के हिसाब से ही उनके कृत्य हैं और मतदाताओं से NDA उम्मीदवारों को समर्थन देने का आग्रह किया।