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2 पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने एकसाथ बोला हमला -मानकों को किनारे रख दी गई वेक्सीन को हरी झंडी',

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और जयराम रमेश ने चिंता जताई है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को किनारे रखकर इस वैक्सीन को हरी झंडी दी गई है. यह खतरनाक हो सकता है.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) कोवैक्सीन (Covaxine) को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और जयराम रमेश ने चिंता जताई है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को किनारे रखकर इस वैक्सीन (Covaxine) को हरी झंडी दी गई है. यह खतरनाक हो सकता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ट्वीट किया है, "कोवैक्सिन ने अभी तक फेज-3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है. इस्तेमाल की स्वीकृति समय से पहले दी गई है जो खतरनाक हो सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी कृपया स्थिति स्पष्ट करें. जब तक इसका ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए. इस बीच भारत टीकाकरण अभियान की शुरुआत एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ शुरू कर सकता है."
दूसरे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन को परमिशन देने पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, "भारत बायोटेक पहले दर्जे की कंपनी है, लेकिन यह हैरान करने वाला है कि इसकी वैक्सीन Covaxine के लिए फेज-3 के ट्रायल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल संशोधित किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री जी को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए."
हालांकि, कांग्रेस की तरफ से पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया में मीडिया इंचार्ज ने वैक्सीन की मंज़ूरी पर कोई सवाल नहीं उठाया है. बता दें कि दो दिन पहले ही सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सीन कोविशील्ड को अंतिम मंजूरी देने की सिफारिश ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजी थी. इसके बाद कल भारत बायोटेक और ICMR द्वारा विकसित कोवैक्सीन की भी सिफारिश की थी. इन दोनों वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दे दी.

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शौर्यपथ

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