कबीरधाम।शौर्यपथ / कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है। लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जाएगा। कुष्ठ रोग के विरुद्ध जागरुकता अभियान चलाने के लिए गांव एवं शहर के प्रत्येक वार्ड में टीमें गठित की जाएंगी। इसकी तैयारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही संबंधित अन्य सभी विभाग अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, जांच, प्रभाव तथा उपचार की समुचित जानकारी देते हुए जागरुक करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पोस्टर व पर्चे वितरित किए जाएंगे। पर्चे में कुष्ठ रोग के लक्षण तथा जांच व इलाज के बारे में पूरी जानकारी रहेगी। इसके साथ ही कुष्ठ रोग विभाग की टीम घर-घर जाकर लक्षणों की जांच करेगी। कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर जोर देते हुए कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने मितानिनों को घर-घर सघन कुष्ठ सर्वेक्षण हेतु रजिस्टर प्रदान कर एक्टिव केस डिटेक्शन सर्वे का शुभारंभ किया है। उन्होंने लक्षण वाले बच्चों के लिए शासन की मार्गदर्शिका के अनुरूप किट तैयार कर मितानिनों को प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित भी किया है। साथ ही उन्होंने कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों के लिए भी व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है।
कुष्ठ रोग के विरुद्ध अभियान के संबंध में सीएमएचओ डॉ. शैलेंद्र कुमार मंडल ने बताया, कुष्ठ रोगियों का चिन्हांकन कर उनका समुचित उपचार करने के उद्देश्य से जिले में एक्टिव केस डिटेक्शन सर्वे शुरु किया गया है। यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो पीड़ित का नाम रजिस्टर में दर्ज कर उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच में कुष्ठ रोग मिलने की स्थिति में रोगी को कुष्ठ रोग निवारण के लिए तब तक निःशुल्क दवाएं दी जाएंगी, जब तक उसका कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक न हो जाए। इस अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं बल्कि एक रोग है जिसका उपचार संभव है।
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मितानिनों के कार्यों की सराहनाए सुपोषण पर जोर
इसी तरह कुपोषण दूर करने के प्रयास में भी कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा द्वारा आरबीएसके की टीम के चिकित्सकों की बैठक ली गई है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने आवश्यक दिशा.निर्देश दिए हैं। कोविड काल में मितानिनों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कुष्ठ सर्वे के साथ-साथ कोविड़ सर्वे कार्य भी जारी रखने के लिए कहा है। साथ ही ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन व मलेरिया जैसे प्रकरण आने पर तत्काल जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक, रैपिड टेस्ट किट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार मंडल ने कुपोषण दूर करने के लिए शासन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आरबीएसके के चिकित्सकों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, कोविड-19 के कारण ऑपरेशन भले ही टाल दिया गया है, लेकिन क्लब फूल, कटे-फटे होठ, आई प्रॉब्लम व जन्मजात दोष वाले सभी बच्चों को चिन्हांकित कर सूची तैयार करें और यह सूची जिला कार्यालय भेजें। इसके लिए उन्होंने महिला बाल विकास विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने कहा है।
कुष्ठ रोग के लक्षण :-
० त्वचा पर हल्के लाल या तांबई रंग के दाग या धब्बे होना
० त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनहीनता व सुन्नपन होना
० पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी होना
० हाथ पैर या पलकें कमजोर होनाए नसों में दर्द
० कान व चेहरे पर सूजन या गांठ होना
० हाथ या पैर में घाव होने पर दर्द न होना
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