राजनांदगांव / शौर्यपथ / चालू खरीफ मौसम में फसलों को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से किसानों को राहत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस संबंध में अधिसूचना राज्य शासन कृषि विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। राजनांदगांव जिले के लिए मुख्य फसल धान सिचिंत एवं धान असिंचित तथा अन्य फसल सोयाबीन, अरहर अधिसूचित की गई है।
बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज -
ऋणी किसान ऐच्छिक आधार पर फसल बीमा करा सकते है। ऐसे ऋणी किसान जो फसल बीमा का लाभ नहीं लेना चाहते हैं उन्हें किसान निर्धारित प्रपत्र में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा की अंतिम तिथि 15 जुलाई के 7 दिवस पूर्व संबंधित बैंक में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक की ओर से मौसम के लिये स्वीकृत या नवीनीकृत की गई अल्प कालीन कृषि ऋण का अनिवार्य रूप से बीमा किया जाना है। अऋणी किसान बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पांचसाला)/किरायदार/साझेदार किसान का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं।
आधार कार्ड अनिवार्य -
फसल बीमा कराने के लिये समस्त ऋणी एवं अऋणी किसानों को आधार कार्ड की नवीनतम छायाप्रति संबंधित बैंक या संस्थान हो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना है।
बीमा के लिए प्रीमियम राशि दर -
योजना के अंतर्गत ऋणमान धान सिंचित प्रति हेक्टर 44 हजार 500 रूपए एवं धान असिंचित प्रति हेक्टर 36 हजार 500 रूपए है। जिसका 2 प्रतिशत अर्थात् किसान द्वारा देय प्रीमियम राशि 890 रूपए धान सिंचित एवं 730 रूपए धान असिंचित के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा। इसी प्रकार किसानों द्वारा सोयाबीन फसल के लिए 700 रूपए, अरहर फसल के लिए 505 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।
एक ही बैंक से बीमा कराएं -
ऋणी एवं अऋणी किसानों द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में किसान के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा। साथ ही संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
किसानों से आग्रह है कि गत वर्ष एवं इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का बीमा कराएं। फसलों का बीमा करवाने हेतु समय कम होने के कारण अंतिम तिथि 15 जुलाई का इंतजार न करते हुए किसान स्वयं अपने नजदीकी सहकारी समिति/बैंक में सम्पर्क कर आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। किसानों द्वारा फसल बीमा कराने के लिए अपने संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमि.) लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।