0 नियम विपरीत दिए गए पदोन्नति और थोक के भाव में पदोन्नति आदेश निरस्तीकरण के मामले मे भी डीईओ को जिम्मेदार माना जा रहा है।
राजनांदगांव/शौर्यपथ / जिले में जिस दिन से पदभार संभाला है उस दिन से नवपदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह विवादों में है। नियम विपरीत दिए गए पदोन्नति और थोक के भाव में पदोन्नति आदेश निरस्तीकरण के मामले में उन्हे ही जिम्मेदार माना जा रहा है। संबंधित डिलिंग क्लर्क का स्वास्थ्य अचानक खराब हो जाता है और उसे हैदराबाद में भर्ती किया गया है। जानकार बता रहे है कि पदोन्नति में जो जानबूझकर सुनियोजित ढंग से कुछ खास लोगों को अनुचित लाभ दिलाने का प्रयास किया गया उससे नवपदस्थ डीईओ अभी उभर ही नही पाए थे कि एक अनुकंपा नियुक्ति ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम पर नियम विपरीत अनुकंपा नियुक्ति देने का आरोप लगा और शिकायत के पश्चात् कुछ लोगों की अनुकंपा नियुक्ति आदेश निरस्त किया गया और जिस अनुकंपा नियुक्ति आदेश को हेतराम सोम ने निरस्त किया था और उसे नवपदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बहाल कर दिया। पीड़ित महिला जो इस अनुकंपा नियुक्ति की वैधानिक हकदार है, उसने लिखित शिकायत कर यह आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा उनके अपत्ति दर्ज कराने के बावजूद और उनकी इच्छा के विपरीत उसके वैधानिक हक को छिनकर उसके नालायक पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति दे दिया गया और अब जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा उसे इस बुढ़ापे में कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने के लिए मजबूर कर दिया गया और पीड़ित महिला इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह को पूर्णतः उत्तरदायी मान रही है।