राजनांदगांव / शौर्यपथ / राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत राजनांदगांव जिले में जागरूकता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पोषण माह एक सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 30 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान गर्भवती, धात्री महिलाओं व शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य परामर्श के साथ ही टीकाकरण भी किया जा रहा है।
पोषण माह के अंतर्गत जिले के डोंगरगांव व मानपुर परियोजना अंतर्गत कई गांवों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान रामपुर सेक्टर के संबलपुर और मरेठा नवागांव की मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक की टीम ने हितग्राहियों को पोषण से संबंधित विभिन्न जानकारी देने हेतु गृह भ्रमण किया। साथ ही महिलाओं व बच्चों को पोषण से संबंधित अहम जानकारी भी दी गई।
पोषण माह कार्यक्रम के दौरान यहां स्थानीय फलों व सब्जियों की प्रदर्शनी लगाकर हितग्राहियों को इसके फायदे बताए गए। दिघवाड़ी सेक्टर में महिलाओं को बताया गया कि पपीता में विटामिन-सी तथा मुनगा भाजी में आयरन होता है, इसलिए महिलाओं को आहार के रूप में पपीता और मुनगा भाजी का सेवन जरूर करना चाहिए। इस पर महिलाओं ने बताया कि मुनगा भाजी या पपीता तो वे आमतौर पर खाती ही हैं, लेकिन सेहत के लिए यह इतना ज्यादा फायदेमंद हैए यह बात उन्हें अब पता चली है।
इसी तरह डोंगरगांव परियोजना के ग्राम ओड़ारबांध में पोषण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर यहां पर हाथ धुलाई एवं स्वच्छता कॉर्नर, स्वास्थ्य जांच कॉर्नरए परिवार नियोजन कॉर्नर व पोषण कॉर्नर बनाकर निर्धारित सेवाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। हाथ धुलाई कॉर्नर में आंगनबाड़ी सहायिका ललिता ने सभी हितग्राहियों का पानी और साबुन से हाथ धुलाया। उन्होंने हाथ धुलाई के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन भी किया और बताया कि हाथ धोना सेहत के लिए अच्छा होता है। इससे खाने-पीने के दौरान कीटाणु शरीर में नहीं पहुंच पाते। स्वास्थ्य जांच कार्नर में एएनएम ने गर्भवती माताओं की जांच की। इस दौरान बच्चों का टीकाकरण कर आवश्यक दवा उपलब्ध कराई गई। परिवार नियोजन कॉर्नर में मितानिन दीदी द्वारा परिवार नियोजन हेतु आवश्यक साधनों को रखा गया। पोषण कॉर्नर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय तौर पर उपलब्ध मौसमी हरी सब्जियोंए फलों, रेडी-टू ईट-फूड के विभिन्न व्यंजन रखकर इसके फायदे बताए।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह को जिले में एक जन आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और शिशुओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं और शिशुओं का स्वास्थ्य जांचकर पोषण के लिए उन्हें सजग किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, 6 माह से ज्यादा उम्र के बच्चों की देखभाल या स्तनपान के साथ ही छोटे बच्चों के पूरक आहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
मुनगा के फायदे...
ऐसा माना जाता है कि मुनगा की 100 ग्राम पत्तियों में 5 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है। साथ ही एक नींबू की तुलना में इसमें 5 गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन-सी के साथ ही प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन-बी कॉम्पेक्स की भरपूर मात्रा मिलती है। गर्भावस्था दौरान मुनगा फल या इसकी फूलों की सब्जी का सेवन महिलाओं और शिशु के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
पपीते में विटामिन-सी
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि कच्चे पपीते में विटामिन-सी 40 से 90 मि.ग्रा. अधपके पपीते में 50 से 90 मि.ग्रा. और पके पपीते में 60 से 140 मि.ग्रा. होता है। इसमें शर्करा और विटामिन-सी मई से अक्टूबर महीने तक अधिक होता है। पपीते में विटामिन बी1 व बी2 भी कुछ मात्रा में होता है।