अपने जीवनकाल में ही परिजनों से कही थी बात, बच्चों के पढ़ाई के काम आएगा शरीर।
जगदलपुर/शौर्यपथ/ शहर के इंदिरा वार्ड में रहने वाले आयुवैदिक डॉक्टर ने अपने मरणोपरांत अपने परिवार से अपने शव को मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को डोनेट करने की बात कही गई थी, जिसके बाद छोटे भाई से लेकर बेटे व बेटी से अपने स्वेच्छा से शव को डोनेट करने की बात कही थी, जिसपर परिवार के लोगो ने उन्ही इस इच्छा को पूरी करने की बात भी कही थी, 8 वर्षो के बाद अचानक डॉक्टर के निधन से परिवार ने उनकी इच्छा के अनुसार शुक्रवार को उनके पार्थिव शरीर को मेकाज को सौप दिया गया।
बताया जा रहा है कि इंदिरा वार्ड निवासी आयुर्वेदिक डॉक्टर चंद्रमोहन लाल गर्ग 72 वर्ष ने 10 जुलाई 2017 को अपने परिजनों से चर्चा के बाद शव मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के पढ़ाई के काम आने की बात कहते हुए शव को सौपने की बात अपने छोटे भाई मिथिलेश से कही, इस बात को लेकर परिजनों से चर्चा के बाद परिजनों ने इसकी सहमति दी और परिजनों ने मेडिकल कॉलेज डिमरापाल आकर सहमति से मृत्युपरांत शरीर दान करने की पत्र को भर कर दे दिया, 72 वर्षीय डॉक्टर चंद्र मोहन लाल गर्ग की गुरुवार की दोपहर को निधन हो गया, जिसके बाद परिवार के लोगों ने मेकाज के आला अधिकारियों से चर्चा करने के बाद शुक्रवार को डॉक्टर के पार्थिव देह को मेकाज को सौपा गया, इस दौरान डीन डॉक्टर प्रदीप बेग, एचओडी डॉक्टर बिधिका नेल कुमार, अधीक्षक डॉक्टर अनुरूप साहू, सहायक प्राध्यापक हुसैन बाबू शेख, शिवांगी बाजपेई, डॉक्टर आदर्श पटेल के अलावा छात्र छात्राओं समेत परिवार के लोग मौजूद थे,
वर्ष का पहला डोनेट
वर्ष 2025 जनवरी में मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के एनाटॉमी विभाग को आला अधिकारियों की मौजूदगी में इस वर्ष पहला पार्थिव शरीर मिला है, इससे पूर्व मेकाज में अभी 5 पार्थिव शरीर है, जहाँ लोगों ने अपने परिजनों के इच्छा को पूरा करते हुए शव को सौपा है,
शव डोनेट से पहले झलके परिजनों के आंसू
डॉक्टर के शव को जैसे ही मेकाज के एनाटॉमी विभाग को सौपा जा रहा था, परिजनों के आंसू झलक उठे, परिजन पार्थिव शरीर से लिपट लिपट कर रोने लगे, जहाँ परिजनों ने सांत्वना देते हुए शव मेकाज को सौपा गया।