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मानवता की पुनर्स्थापना कर रही संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम

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राजनांदगांव/शौर्यपथ/ भारतवर्ष में आज भी लाखों लोग ऐसे हैं, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित हैं। किसी के पास दो वक्त की रोटी नहीं, तो कोई छत और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्षरत है। राजनांदगांव के मीलचाल कलोनी में रहने वाली दिव्या लकड़ा का परिवार भी ऐसी ही कठिन परिस्थिति से जूझ रहा है। पति छोड़ कर चला गया है। 4 माह की बेटी सहित दो सदस्यीय इस परिवार को पड़ोसी खाना देते है तब पेट भरता है। आवक का कोई साधन नहीं। ऐसी विषम परिस्थिति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई जा रही “अन्नपूर्णा मुहिम” इस परिवार के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। 13 अगस्त को संत रामपाल जी महाराज की ओर से अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत परिवार को निःशुल्क राहत सामग्री पहुंचाई गई। उन्हें आटा, चावल, दाल, तेल, नमक जैसी रोजमर्रा की आवश्यक खाद्य सामग्री 1 महीने की दी गई है। साथ ही परिवार की आवश्यकता को देखते हुए बर्तन, पलंग, कपड़ा एवं बाल्टी जैसी अन्य सामग्रियां भी मुहैया कराई गई। अन्नपूर्णा मुहिम के तहत् परिवार का नाम और Contact नंबर भी दर्ज कर लिया गया है, ताकि समय-समय पर और भी सहायता दी जा सके। पड़ोसीयो ने संत रामपाल जी महाराज की ओर से चल रही अन्नपूर्णा मुहिम को मानवता के लिए सराहनीय कार्य बताया। “अन्नपूर्णा मुहिम” केवल राहत सामग्री पहुँचाने का कार्य नहीं है, बल्कि मानवता की पुनर्स्थापना का कार्य है। वर्तमान में उनकी "अन्नपूर्णा मुहिम" देश के कोने-कोने में जरूरतमंदों तक पहुंचने लगी है।

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Mrinendra choubey

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