राजनांदगांव। शौर्यपथ/शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार को अहिंसा के दूत, समाधि सम्राट आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज जी एवं नव आचार्य 108 श्री समयसागर जी महाराज जी का अवतरण दिवस पूरे हर्षोल्लास और भक्ति भाव से दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर समाज ने विविध धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया।
दिगंबर जैन पंचायत के सचिव सूर्यकांत जैन ने जानकारी दी कि प्रातः 7:30 बजे आचार्य श्री की पूजा एवं सर्वमंगलकारी आचार्य छत्तीसिंह विधान का आयोजन परम पूज्य आर्यिका 105 सुशांत मति माताजी एवं 105 तथामति माताजी के सानिध्य में संपन्न हुआ। पूरे समाजजन ने मंत्रोच्चार और भक्ति भाव से सहभागिता की।
समाज के अध्यक्ष अशोक झंझरी एवं श्रेष्ठी जनों ने आदिनाथ भगवान का अभिषेक पूजन सौधर्म इंद्र बनकर किया। माताजी के बुखार बिंद से भगवान की शांति धारा सम्पूर्ण जीव कल्याण के लिए संपन्न हुई। दोपहर 2 बजे से दिगंबर जैन समाज एवं चातुर्मास समिति द्वारा 21,000 लड्डुओं का वितरण अहिंसा प्रवेश द्वार, गंज लाइन के समक्ष किया गया। इस अवसर पर गुरु भक्तों, मोहल्ले के वरिष्ठ जनों, शहर के गणमान्य नागरिकों एवं अहिंसा प्रेमी बंधुओं ने भाग लेकर पुण्यलाभ प्राप्त किया।
इसी क्रम में जैन आदर्श महिला मंडल द्वारा मूकबधिर बच्चों के बीच मिठाई एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया, जिससे सेवा और सहानुभूति का सन्देश समाज में फैला। संध्या 7 बजे दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री की संगीतमय महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर आरती में सहभागिता की और मंदिर प्रांगण “जय आचार्य विद्यासागर महाराज” एवं “अहिंसा परमो धर्मः” के जयघोषों से गुंजायमान हो उठा।
इस पावन आयोजन में समाज के वरिष्ठ एवं गणमान्य जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिनमें डी.सी. जैन, अखिलेश जैन, पार्षद रानू जैन, रविकांत जैन, पंकज जैन, रिंकू झंझरी, निखिल द्विवेदी, राधावल्लभ राठी, शरद जैन, अनिल जैन, ललित जैन, रचित जैन, राजेश जैन खन्ना, सुधीर जैन मीनू, रवि जैन, धर्मेश जैन, मनोज जैन, शिरीष जैन, आलोक जैन लल्ली, कमलेश जैन, सीमा जैन, प्रियंका जैन, राजीव जैन, मुकेश जैन, नरेश नाहटा, अंशुल जैन, जितेन्द्र जैन, वंदना जैन, मीना जैन, दर्शना जैन, कल्पना जैन, सुषमा जैन, अनीता जैन, माया जैन और श्रद्धा जैन सहित बड़ी संख्या में आचार्य श्री के भक्तों ने श्रद्धापूर्वक उपस्थिति दर्ज की। पूरा परिसर आचार्य श्री की महिमा और अहिंसा के जयघोषों से भक्ति भाव में सराबोर रहा।