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“रायपुर में 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस का अमित शाह ने किया उद्घाटन—नक्सलवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और आधुनिक पुलिसिंग पर केंद्रित रहे महत्वपूर्ण संदेश” Featured

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रायपुर / शौर्यपथ /
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय 60वीं DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन किया। राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई रणनीतिक विषयों पर केंद्रित इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के पुलिस महानिदेशक, निरीक्षक जनरल, शीर्ष सुरक्षा अधिकारी और केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस अब केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि समस्याओं के समाधान, चुनौतियों की पहचान, रणनीति निर्माण और नीति निर्धारण का प्रभावी राष्ट्रीय फोरम बन चुकी है।

नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार—अगली DG कॉन्फ्रेंस तक पूर्ण समाधान का विश्वास

अपने संबोधन के मुख्य भाग में गृह मंत्री ने नक्सलवाद के समूल नाश के लिए केंद्र सरकार की कार्ययोजना और उपलब्धियों का विस्तृत उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि विगत 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन स्थापित कर सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया गया है। इसके प्रत्यक्ष परिणामस्वरूप वर्ष 2014 में जहां 126 जिले नक्सल प्रभावित थे, वहीं यह संख्या आज घटकर मात्र 11 रह गई है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि—
“अगली DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस से पहले देश नक्सलवाद की समस्या से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा।”

तीन प्रमुख हॉटस्पॉट—नक्सलवाद, नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर—के स्थायी समाधान की दिशा में बड़ी प्रगति

गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से देश जिन तीन अहम हॉटस्पॉट—

नक्सलवाद

नार्थ-ईस्ट

जम्मू-कश्मीर
—का सामना कर रहा था, उनके समाधान की दिशा में मोदी सरकार ने स्थायी और निर्णायक कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा, स्थिरता और विकास का नया अध्याय प्रारंभ हुआ है और जल्द ही ये क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों की तरह पूरी तरह शांतिपूर्ण बनेंगे।

आधुनिक कानून—आतंकवाद, संगठित अपराध और नारकोटिक्स के विरुद्ध व्यापक ढांचा तैयार

श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने—

NIA और UAPA कानूनों को और सुदृढ़ किया है,

तीन नए आपराधिक कानून लागू किए हैं,

नारकोटिक्स और भगोड़ों के लिए कड़े प्रावधानों वाले कानून बनाए हैं।

उन्होंने कहा कि सभी नए आपराधिक कानूनों के पूर्ण रूप से लागू हो जाने के बाद भारत की पुलिसिंग विश्व में सबसे आधुनिक और सक्षम प्रणाली का स्वरूप ग्रहण कर लेगी।

PFI पर प्रतिबंध—केंद्र–राज्य समन्वय का सफल उदाहरण

गृह मंत्री ने PFI पर किए गए राष्ट्रीय अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद देशभर में उसके ठिकानों पर छापे और गिरफ्तारियां केंद्र और राज्य सरकारों के उत्तम समन्वय का प्रमाण हैं।

उन्होंने बताया कि आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई में—
Intelligence की Accuracy,
Objective की clarity और
Action की synergy
—ये तीन आधार स्तंभ हैं, जिन पर सुरक्षा एजेंसियाँ प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।

नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर 360° प्रहार की आवश्यकता

श्री शाह ने जोर देकर कहा कि—

“हमें नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर 360 डिग्री प्रहार कर ऐसा तंत्र विकसित करना है कि देश में ड्रग तस्करों और अपराधियों को एक इंच भी जमीन न मिल पाए।”

उन्होंने राज्यों की पुलिस से कहा कि वे NCB के साथ मिलकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई कर उनके आकाओं को जेल में डालने का अभियान और सशक्त बनाएं।

निष्कर्ष

रायपुर में प्रारंभ हुई यह तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस देश की आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, आधुनिक पुलिसिंग, नक्सलवाद के समूल नाश और संगठित अपराध के विरुद्ध राष्ट्रीय रणनीति निर्माण का महत्वपूर्ण मंच साबित हो रही है।
संवाद कार्यालय रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगामी सत्रों में विभिन्न राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विस्तृत प्रेजेंटेशन और रणनीतिक चर्चाएँ आयोजित होंगी।

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