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पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को नजर अंदाज करने का खामियाजा भुगत रहा देश : आर्य प्रमोद

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-गोमय यज्ञ भष्म से हो सकती है ऑक्सीजन की पूर्ति, धन भी बचेगा और पर्यावरण भी
- पंचगव्य यानि देशी गाय का गोघृत, दूध, दही, गोवर व गोमूत्र से निर्मित वस्तुओं का उपयोग करने वाला सुरक्षित है कोरोना वायरस से
- राजनांदगांव व डोंगरगढ़ में अनेकों लोग पंचगव्य सेवन करके अपने को सुरक्षित व निर्भय कर रहे महसूस ,दैनिक यज्ञ से वायरस संक्रमण घटेगा, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और बढ़ती मृत्युदर पर चिंता व्यक्त करते हुए माँ पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र प्रभारी व पंचगव्य चिकित्सक आर्य प्रमोद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पारम्परिक चिकित्सा पद्धति को नजरअंदाज करने व सही जानकारी के अभाव में आज कोरोना वायरस का संक्रमण व मृत्युदर दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है। अत: हमें अपनी पारम्परिक वैदिक चिकित्सा की ओर लौटना ही होगा। आर्य प्रमोद नें बताया कि जो चिकित्सा बड़े-बड़े अस्पतालों में हो रही है, वह चिकित्सा आपके पास ही उपलब्ध है।
वैज्ञानिक शोधों के आधार पर व स्वयं के अनुभव के आधार पर भी यह बात सिद्ध हो चुकी है कि गोमय के यज्ञ भस्म में 46 प्रतिशत तक ऑक्सीजन है। दो चम्मच भस्म 1 लीटर पानी में डालकर सेवन करें तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है। पारम्परिक चिकित्सा से अनजान लोग ऑक्सीजन सिलेण्डर के लिए भटक रहे हैं, महंगी राशि का भुगतान कर रहे हैं और व्यवस्था न मिलने पर अपनी जान भी गंवा रहे हैं।
पंचगव्य चिकित्सक आर्य प्रमोद ने बताया कि राजनांदगांव व डोंगरढ़ में पंचगव्य आधारित चिकित्सा सुविधा पिछले पांच वर्षों से निरंतर संचालित है। यहां गौमूत्र का सेवन करने वाले लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है। जिससे वे अनेक गंभीर व जटिल रोगों से मुक्त हो चुके हैं। साथ ही वे वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से भी मुक्त हैं व भयरहित होकर लोगों के लिए प्रेरक बने हुऐ हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए वेक्सीनेशन की सरकार की मुहिम के बाद भी वायरस से संक्रमण व मृत्युदर बढ़ रही है, इसका मुख्य कारण है कि आज हर व्यक्ति के मन में डर घर कर गया है। जैसा कि मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त है कि भय से हमरा इम्युन सिस्टम काफी कमजोर होने लगता है और विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होनें वैज्ञानिक व धार्मिक आधार पर बताया कि पंचगव्य उत्पादों में यदि हम प्रतिदिन गोवर के कंड़े में चावल व गौघृत मिलाकर मंत्र के साथ आहुति दें तो निश्चित रूप से वायरस इंफेकशन से बचेंगे और हम भयमुक्त भी हो सकेंगे।
पंचगव्य औषधि के लिए सुकुदैहान में सिद्धि पैथोलॉजी लैब, गौ प्रचार रथ सुभाष द्वार पोष्ट ऑफिस चौक राजनांदगांव, गुरूकृपा जलाराम मंदिर कैलाश नगर, गौ नेचुरल कमला कॉलेज त्रिपाठी टॉवर, रेमन शॉप कौरीनभाठा, गौमूत्र चिकित्सा केंद्र स्टेट बैंक के पास सेठ पारा डोंगरगढ़ व माँ पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र ग्राम लीटिया राजनांदगांव से पंचगव्य औषधि प्राप्त कर सकते हैं।

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