राजनांदगांव।शौर्यपथ/ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य व पुर्व जिला पंचायत सदस्य क्रांति बंजारे ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने इस 7साल के कार्यकाल में देश की जनता को महंगाई और बेरोजगारी के अलावा कुछ नहीं दिया है और जिसे दिया है वो हैं सिर्फ हम दो हमारे दो ,मोदी सरकार बस उन्ही के लिए कार्य किया है ।अब इस देश की जनता बचे हुये कार्यकाल में मोदी जी को नौ दो ग्यारह करेगे मोदी ने इस देश की जनता को नोटबंदी के नाम पर अविवेक पूर्ण निर्णय से देश की अर्धव्यवस्था को चौपट किया है व - जी0एस0टी0 लगाने के कारण उद्योग धन्धे कारखाने बंद हुए और बहुतायत लोग बेरोजगार हुए जिससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी। निजीकरण को बढ़ावा - देने से सरकारी संस्थान नीलाम हो रही है एवं नौकरी का अवसर समाप्त हो रहा है बेरोजगारी बढ़ रही है। एयरपोर्ट, रेल्वे ,बैंक निजी हाथों में देकर देश की संपत्ति को बेचने का काम किया ।और सीधी तौर पर सरकारी नियंत्रण समाप्त कर दिया। इन 7 वर्षो में सभी आवश्यक वस्तुओ के दर के बेतहाशा वृ़द्धि हुई दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओ से लेकर डीजल- पेट्रोल ,खाद्य सामग्री के दाम उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है । इसके अनुपात में आम आदमी की आय नही बढी जिससे गरीबी बढ़ी है। किसानो के आय दोगुना करने का झूठी वादा किया गया इन 7 वर्षो में किसानों आय तो दुगुनी नहीं हुई बल्कि किसानों की बेरोजगारी और महंगाई जरूर दुगुनी साबित हुई - 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज का अता-पता नहीं चला। देश की जी.डी.पी. में कृषि क्षेत्र का योगदान 30 फीसदी है, फिर भी केन्द्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में खाद की सब्सिडी में 54,417 करोड़ की कटौती की है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सरकार में आने के पूर्व स्वामीनाथन कमेटी के रिपोर्ट को लागू कर किसान की आय में दो गुना बढ़ोतरी करने की बात कही थी परन्तु सरकार मे आने के बाद उसके विपरीत तीन कृषि कानून लाकर किसानो के साथ धोखा किया जिससे किसान व्यथित है। किसानो को खालिस्तानी, आंतकवादी, मुनाफाखोर कहकर भाजपा के लोगों ने अपमानित करने का काम किया है। राष्ट्रीय आपदा कोविड-19 कोरोना के संक्रमण को रोकने में भी केन्द्र सरकार नाकाम सिद्ध हुई। - राहत, बचाव, उपचार जैसे आवश्यक कदम उठाने में सरकार असफल हुई ।जिस प्रकार से उत्तररप्रदेश एवं बिहार के गंगा नदी में अनगिनत लाशे तैरती मिली एवं गंगा किनारे रेत में अनगिनत लाशे दफनाई गई। इससे भारत सरकार की बदनामी देश ही नहीं पूरी दुनिया में हुई। वैक्सीनेशन में भी सरकार की नीति अविवेकपूर्ण रही - देश के नागरिकों के लिए पर्याप्त वैक्सीन न होते हुए भी विदेशों में सप्लाई की गई यह देश की जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है। दूसरी ओर मोदी सरकार ने आपदा में भी अवसर ढूंढने का काम किया। वैक्सीन का व्यवसायीकरण (कार्मशियल) किया जिसने सरकार की जन विरोधी मंशा को स्पष्ट कर दिया*।