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कब सुधरेगी गोकुलधाम की दशा , कब स्थानातरित होंगे डेयरी संचालक 80 संचालको की जगह में कैसे सञ्चालन होगा लगभग 300 डेयरी का

दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा पशुपालकों (डेयरी संचालको) को गोकुल धाम पुलगांव स्थान्तरित किये जाने का प्रयास चल रहा है . डेयरी संचालको के मन में शंशय है कि अगर वो स्थानांतरित हो गए तो गोकुल नगर की समस्याओ से दोचार होना पड़ेगा और बरसाती मौसम्मे ये लगभग असंभव सा दिख रहा है कई संचालक जान तो चाहते है किन्तु पशुपालकों द्वारा गंभीर समस्या यह कि गोकुल धाम में व्यवस्था कुछ भी नही ,निगम के द्वारा बोला जाता है जानवरो के लिए पूरी व्यवस्था है, लेकिन जमीनी स्तर में कुछ भी व्यवस्था नही की गई गोकुल धाम में .
गोकुल धाम में न तो सडक है और न ही नाली ऊपर से डेयरी संचालको से शपथ पत्र भरवाया जा रहा है की साफ सफाई व जानवरो को खुला न छोड़े, गोकुलधाम में रायपुर राजनादगांव के तर्ज मे न टीनसेड तैयार करके दिया जा रहा है और ना ही पक्का मार्ग व्यवस्था के नाम पर सिर्फ पानी की व्यवस्था किये जाने से जानवरो की सेवा नही किया जा सकता , अगर डेयरी व्यथापन करते है बारिश काल के समय व्यवस्था जरूरी है .
दुर्ग शहर में लगभग 300 के आस पास डेयरी है गोकुलधाम सिर्फ 80 डेयरी की जगह है
गोकुलधाम में कुल 80 डेयरी संचालको के लिए जगह है किन्तु शहर में लगभग 300 डेयरी है ऐसे में अगर सभी 80 संचालक चले भी गए तो जानवरो के तालाब की व्यवस्था की गई है लेकिन छोटा है
जानवरो के लिए चारागाह नही है गोकुलधाम से लगे जगहों में सब्जी फल की बाडी है , गोकुलधाम डेयरी के लिए बनाया गया लेकिन वहाँ कुछ बिल्डिंग ठेकेदार रह रहे है और अपने बिल्डिंग में काम आने वाले वाहन खड़े किये है वही जानवरो को रखने के लिए किसी भी प्रकार से जमीन समतल नही है वहाँ गड्ढे कीचर की भरमार है,साथ ही गोबर फेकने के लिए भी जगह नही है .डेयरी व्यथापन करे तो साथ मे परिवार को रखना पड़ेगा जिसके लिए किसी भी प्रकार व्यवस्था है और न ही जानवरो के सुरक्षा है .
ऐसे अनेक कारण है अभी कुछ महीनों कॅरोना वायरस से व्यवसाय में बहुत हानि उठाना पड़ा है एकाएक व्यथापन और वहां पहुचकर व्यवस्थित कर पाना मुश्किल है पूर्व में कुछ डेयरी वहां व्यथापन की गई है लेकिन व्यवस्था से परेसान है, पूर्व में पशुपालक का जानवर गलती से बाडी में चरने घुस गई उसे बाडी संचालक के द्वारा पशु के पीछे लड़की घुसा दिया गया था, पूर्व में शहर के कुत्तों को वहां छोड़ दिया गया था कुछ जानवरो को नुकसान भी पहुचा ऐसे हालात में डेयरी व्यथापन कैसे करे साथ मे परिवार को पालना मुश्किल होगा बहुत से डेयरी को 10 दिन में व्यथापन किये जाने की नोटिस निगम द्वारा भेजा गया है साथ ही साफ सफाई के लिए 10000/- की चालान काटा गया है , डेयरी संचालन के मुश्किल बढ़ती जा रही है . क्या प्रशासन कोई सार्थक कदम उठाएगा जिससे शहर भी साफ़ सुथरा रहे और गोकुल नगर में डेयरी सञ्चालन भी सुचारू रूप से चले

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