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लोग मरे तो मरे या जाये चूल्हा भाड़ में की रात पर आरटीओ और ट्राफिक पुलिस

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दुर्ग / शौर्यपथ / यातायात विभाग और आरटीओं विभाग को लोगों की जान की परवाह बिल्कुल नही है। कहीं भी ये केवल दोपहिया वाहन वालों को कभी हेलमेट के नाम पर तो कभी कुछ के नाम पर चालान काटने तक ही सीमित है, लोग मरे तो मरे इनको क्या करना। भारी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य है ताकि उनके तेज गति पर नियंत्रण लग सके, लेकिन आरटीओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को केवल शहर के भारी वाहनों खासतौर से हाईवा वालों से केवल मंथली से मतलब है। लोग मरे चाहे जाये चुल्हा भाड़ में की तर्ज पर केवल ये लोग कार्य कर रहे हैं।
पिछले कई सालों से सबसे अधिक अवैध और वैध सामानों की ढुलाई सबसे अधिक हाईवा वाहनों से ही हो रही है, और इनकी गति पर नियंत्रण नही हेै, ये ब्रेकर हो, गड्डा हो, चाहे सामने कोई हो, उनको कुचलते दबाते जल्दी निकलने से मतलब है। जबसे हाईवा वाहनों की शहरी और शहरी क्षेत्र से लगे गांवों में बाढ आई है तब से हाईवा लोगों के जान का काल बन गया है। आये दिन हाईवा के चपेट में आकर लोग मर रहे है।
आरटीओं विभाग कभी ये देखने या जांच करने नही जाते कि जीपीएस सिस्टम लगा है कि नही लगा है तो उसमे छेड़छाड़ तो नही किया गया है, यहां तब कि जब फिटनेट चेक कराने गाड़ी आती है वहां भी आपसी लेनदेन कर बिना जीपीएस के जांच के फिटनस ओके कर दिया जा रहा है। इस लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है और तेज रफ्तार हाईवा के कारण लोग असमय काल की गाल में समा रहे हैं।
इसी प्रकार का आज फिर एक मामला सामने आया है कि पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना के भाई अशोक कुमार बाफना की तेज रफ्तार हाईवा क्रमांक सीजी 07 बीडी 0780 ने आज प्रात: दस बजे बागडूमर के पास सायकल से जा रहे पति पत्नी को जोरदार ठोकर मार दिया जिससे घटना स्थल पर ही साठ वर्षीय मोतीन बाई की मौत हो गई वहीं उसका पति माखन सिंह दूर फेंका गया जिससे उसको मामूली चोट आई और पतिबच गया। बताया जाता है कि पति माखन सिंह अपनी पत्नी मोतिन बाई को सायकल पर बिठाकर अपनें गांव से केनरा बैंक रूपये निकालने जा रहा था।

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शौर्यपथ

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