पटेल जयंती पर धूमधाम, पर मूर्ति और स्थल फिर उपेक्षित
जनप्रतिनिधि अपने कार्यालय सजाने में व्यस्त; देशभक्ति के महापुरुष की प्रतिमा सुध की राह देखती
दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग शहर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर समारोह आयोजित किया गया, जिसमें शहर के प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित हैं। लेकिन इसी मौके पर चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण के महापौर बाघमार के दावों की पोल भी जनता के सामने खुल गई, क्योंकि पटेल चौक पर स्थापित होने वाली पटेल जी की प्रतिमा का नया स्थल अभी भी निर्माणाधीन है या निर्माण कार्य रुका हुआ है।
शहरी सरकार की सुन्दरता की हकीकत
चुनाव से पहले और बाद में महापौर एवं नगर निगम अधिकारी लगातार दावे करते रहे कि शहर सुंदर बनेगा, चौक-चौराहों की सूरत बदलेगी। लेकिन हकीकत यह है कि जब बात देश के महानायक सरदार पटेल के नाम से बने स्थल की आती है, तो आज भी जनप्रतिनिधि सिर्फ अपने ऑफिस, बंगले, एयर कंडीशनर, और फर्नीचर की सजावट में ही करोड़ों रुपए खर्च करने में तत्पर नजर आते हैं। वहीं जिस मूर्ति के सामने आज देशभक्ति का मंच सजाया जा रहा है वह अब भी रंग-रोगन और नए स्थल के इंतजार में खड़ी है।
जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकताएँ
जिस वार्ड में यह चौक आता है उसके पार्षद खुद नगर निगम के सभापति हैं, और अपने कार्यालय की सजावट पर लाखों खर्च करके प्रवेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन शहर की जनता के जज्बात और महापुरुषों के सम्मान की बात आते ही पहल टल जाती है। आखिर प्रशासन ने उत्सव में लाखों खर्च किए, पर मूर्ति के सच्चे सम्मान की सुध नहीं ली।
आत्मचिंतन का समय
जनता को समझने की ज़रूरत है कि शहरी सरकार वादों के झूले पर चुनाव जीत कर सत्ता का सुख लेना ही जानती है।
नगर निगम के 8 महीने के कार्यकाल में भी महापुरुष के सम्मान में नया स्थल तैयार नहीं हो पाया। देशभक्ति के बड़े-बड़े आयोजन, प्रेसनोट और फोटोशूट से सम्मान की मंशा नहीं पूरी होती, जबकि सच यह है कि शहर को सुंदर बनाना खाली बयानों से नहीं, कर्मों से होगा