शहरी सरकार के भ्रष्टाचार और विधायक के मौन रहने पर
जनता को याद आ रहा डॉ. सरोज पाण्डेय का कार्यकाल
दुर्ग / शौर्यपथ /
दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले सामने आ चुके है जो वर्तमान शहरी सरकार की निष्क्रियता का प्रतिक बन रहे है . गुमठी घोटाला , निगम कर्मचारियों द्वारा गुमठी पर कब्ज़ा , मुख्य मार्ग में अतिक्रमण और बाजार विभाग का मौन रहना , महाशिवरात्रि मेले स्थल पर वाहन पार्किंग ठेका में अवैध वसूली जिसमे बाजार विभाग द्वारा कार्यवाही के नाम पर सिर्फ नोटिस देना और मौन रहना . एक ही परिवार को अलग अलग नाम से दुकानों / गुमठी का आबंटन करना , आश्रय स्थल के आबंटन और जाँच में लापरवाही बरतना , बकरी पालन के नाम पर ठेकेदार के जानवरों के रखने कि व्यवस्था करना जैसे कई मामले लगातार सामने आ चुके है . निगम प्रशासन की कार्यवाही तो टालमटोल नजर आ रही है किन्तु अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शहरी सरकार भी ऐसे भ्रष्टाचार पर मौन समर्थन प्रदान कर रही है . इतने भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद भी शहरी सरकार का मौन रहना शहरी सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है और कही ना कही पूर्व विधायक अरुण वोरा की निगम कार्य में हस्तक्षेप की बात को भी सिर्फ एक अफवाह का रूप दे रहा है . पिछले कई महीनो से निगम के कार्यो में यहाँ तक की निगम सरकार के प्रमुख महापौर से भी पूर्व विधायक की दुरी आज सभी के सामने है .
विधान सभा चुनाव में हुई हार के बाद पूर्व विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल की दुरी साफ नजर आ रही है . महापौर बाकलीवाल का अपना एक अलग ही गुट नजर आ रहा ऐसे में पूर्व विधायक अरुण वोरा आज महापौर के साथ कई नजर नहीं आ रहे जबकि महापौर बनाने में विधायक रहे अरुण वोरा का सबसे बड़ा योगदान है .
पूर्व विधायक के हस्तक्षेप ना करने के बावजूद भी निगम में भ्रष्टाचार पर महापौर और उनके परिषद् के द्वारा लगाम ना लगा पाना शहरी सरकार की निष्क्रियता दर्शा रही है . सत्ता पक्ष के साथ साथ ऐसी स्थिति विपक्ष की भी है विपक्ष के कई पार्षद निगम में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा चुके है किन्तु विपक्ष के मुखिया जनप्रतिनिधि के रूप में वर्तमान में विधायक गजेन्द्र यादव है और प्रदेश में भाजपा की सरकार है बावजूद इसके उनकी आवाज भी कही गुम हो गई .
हाल ही में सब इंजिनियर संजय ठाकुर पर ठेकेदार से कमीशन लेकर बिल बनाने की बात और इस मामले पर लिखित में शिकायत वार्ड 29 के पार्षद अरुण सिंह ने भी की परन्तु निगम में हो रहे भ्रष्टाचार पर ना तो महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा कोई आवाज उठाया जा रहा और ना ही विधायक गजेन्द्र यादव द्वारा किसी भी तरह के सख्त निर्देश दिए जा रहे है एक तरफ प्रदेश सरकार विष्णु के सुशासन की बात कर रही वही दुर्ग विधान सभा क्षेत्र जो कि निगम क्षेत्र के समकक्ष है कही भी सुशासन नजर नहीं आ रहा .
भ्रष्टाचार के बीच अब आम जनता को याद आ रहा डॉ. सरोज पाण्डेय का कार्यकाल
निगम में इतने ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद और किसी भी मामले पर कोई कार्यवाही का ना होना निगम प्रशासन की कार्य प्रणाली की निष्क्रियता को तो दर्शा रहा वही अब शहर की जनता को एक बार फिर डॉ. सरोज पाण्डेय का कार्यकाल याद आ रहा जिनके कार्यकाल में आम जनता के हितो के लियेशाहर को सुन्दर बनाने के लिए , कार्यो की गुणवत्ता तथा निगम में सुशासन की दिशा में कदम बढ़ाने जो कार्य डॉ. सरोज पाण्डेय ने किया वो कार्य उनके बाद किसी महापौर द्वारा नहीं हुआ . अच्छे कार्यो कीई याद के रूप में डॉ. सरोज पाण्डेय के कार्यो का याद किया जाना शहर के वर्तमान जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के लिए एक संकेत डे रहा कि खुर्सी का खेल अच्छे कार्यो से ही लम्बे समय तक स्थाई रहता वरना लोकतंत्र है पांच साल यु ही गुजर जाते है.