रायपुर / शौर्यपथ / अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) रायपुर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय फार्माकोलॉजी दिवस का आयोजन किया। यह दिवस भारतीय फार्माकोलॉजी के जनक माने जाने वाले कर्नल सर रमनाथ चोपड़ा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने किया। उन्होंने कहा कि कर्नल चोपड़ा ने भारत में फार्माकोलॉजी को एक वैज्ञानिक विधा के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर डीन (एकेडमिक्स) प्रो. (डॉ.) एली मोहापात्रा भी मौजूद रहे।
इस आयोजन में पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज, अभिषेक मिश्रा मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसबीआईएमएस) और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के फार्माकोलॉजिस्ट्स भी शामिल हुए। इससे विभिन्न संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग को नई दिशा मिली।
फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नितिन गायकवाड़ ने स्वागत भाषण में दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इसके बाद अतिथियों ने कर्नल चोपड़ा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर औपचारिक उद्घाटन किया।
वैज्ञानिक व्याख्यान श्रृंखला में डॉ. योगेंद्र केचे ने कर्नल चोपड़ा के जीवन और योगदान पर विचार रखे। डॉ. सूर्यप्रकाश धनैरिया ने आवश्यक औषधियाँ और दवाओं के तर्कसंगत उपयोग विषय पर व्याख्यान देते हुए इनके सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्व को रेखांकित किया। वहीं, डॉ. उषा जोशी ने स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में फार्माकोलॉजिस्ट्स की भूमिका विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन आयोजन सचिव एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आलोक सिंह के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों, छात्रों और सहयोगी संस्थानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की सफलता में डॉ. पुगझेंथन टी., डॉ. प्रफुल्ल थावरे, डॉ. समीर उत्तमराव खसबगे, विभाग के रेज़िडेंट्स (एसआर व जेआर) और कार्यालयीन स्टाफ की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया।
यह आयोजन न केवल कर्नल सर रमनाथ चोपड़ा के योगदान को नमन था, बल्कि फार्माकोलॉजी के क्षेत्र में तर्कसंगत दवा उपयोग, रोगी सुरक्षा और अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल देता है। एआईआईएमएस रायपुर ने इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।