✴️ छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय हुए शामिल
? आईएसएम धनबाद, सीएमडीसी और कोल इंडिया के बीच एमओयू हस्ताक्षरित — खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल एवं रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ
रायपुर / शौर्यपथ ब्यूरो।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ वैज्ञानिक खनन पद्धतियों, पारदर्शी नीति और तकनीकी नवाचारों के बल पर विकास की नई कहानी लिख रहा है।
उन्होंने शनिवार को नवा रायपुर में आयोजित “छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025” में यह बात कही।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय के मध्य क्रिटिकल मिनरल्स के अन्वेषण हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
इसके साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के बीच भी महत्वपूर्ण समझौता हुआ।
मुख्यमंत्री ने खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल तथा रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी हेतु रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर 5 माइनिंग ब्लॉकों की एनआईटी जारी की गई और 9 खदानों को प्रिफर्ड बिडर आदेश सौंपे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज संपदा का विवेकपूर्ण उपयोग और उद्योगों का संतुलित विकास ही स्थायी प्रगति का मार्ग है।
? खनन क्षेत्र में डिजिटल पारदर्शिता की नई मिसाल
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि डीएमएफ से इस वर्ष 1,673 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ, जिससे 9,362 विकास कार्य स्वीकृत किए गए।
वर्ष 2024-25 में 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व हासिल हुआ है।
उन्होंने कहा —
“यह गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने लिथियम ब्लॉक की नीलामी की है। अब तक 60 खनिज ब्लॉकों की नीलामी पूरी हो चुकी है और पाँच नई निविदाएँ आज जारी की गई हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के तहत जिला खनिज न्यास नियम-2025 लागू किए गए हैं।
डीएमएफ पोर्टल 2.0 से निगरानी, लेखा और प्रबंधन में पारदर्शिता आई है, जिसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को सम्मानित किया है।
सतत विकास के लिए आधुनिक तकनीकें और नई रेत नीति
मुख्यमंत्री ने बताया कि रेत नीति-2025 से पारदर्शिता बढ़ी है और शीघ्र ही 200 से अधिक रेत खदानों की ई-नीलामी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “खनन के हर चरण में पर्यावरण सुरक्षा, पुनर्भरण और जल-संरक्षण की वैज्ञानिक पद्धतियाँ अपनाई जा रही हैं।”
राज्य सरकार ने एमएसटीसी (भारत सरकार का उपक्रम) के साथ एमओयू कर रिवर्स ऑक्शन पोर्टल तैयार कराया है, जिससे रेत खदानों का आबंटन तीव्र और पारदर्शी होगा। इससे प्रधानमंत्री आवास योजनाओं सहित सभी निर्माण परियोजनाओं को रेत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और राजस्व में करोड़ों की वृद्धि होगी।
? खनिज ऑनलाइन 2.0 : पारदर्शी प्रबंधन की नई तकनीकी क्रांति
खनिज विभाग द्वारा तैयार खनिज ऑनलाइन 2.0 राज्य के खनन प्रशासन में डिजिटल गवर्नेंस का नया अध्याय है।
यह पोर्टल खनिज आवंटन, उत्पादन, रॉयल्टी, नीलामी और पर्यावरण निगरानी से जुड़े सभी डेटा को एकीकृत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“यह केवल तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”
? 43 खदानों को मिले स्टार अवॉर्ड
मुख्यमंत्री श्री साय ने पर्यावरण प्रबंधन और सुरक्षा मानकों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 43 गौण खनिज खदानों को स्टार अवॉर्ड से सम्मानित किया।
इनमें 3 खदानों को 5 स्टार, 32 को 4 स्टार, और 8 खदानों को 3 स्टार रेटिंग दी गई।
मुख्यमंत्री ने खदान संचालकों को प्रशस्ति पत्र देकर बधाई दी और कहा कि “छत्तीसगढ़ वैज्ञानिक और जिम्मेदार खनन का राष्ट्रीय मॉडल बनेगा।”
? राज्य में खनन व उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय नवाचार कर रही है।
उन्होंने बताया कि अब टिन से निकलने वाले स्लज से दो नए तत्वों का उत्पादन प्रारंभ हुआ है।
साथ ही क्रिटिकल ओअर रिसाइक्लिंग और ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्य किया जा रहा है।
मुख्य सचिव श्री विकासशील ने कहा कि नौ वर्ष बाद पुनः माइनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन स्वागतयोग्य है।
उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में स्टेकहोल्डर्स के सुझावों का समावेश और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुदृढ़ करना सरकार की प्राथमिकता है।
खनिज सचिव श्री पी. दयानंद एवं संचालक श्री रजत बंसल ने विभागीय गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी।