बेमेतरा/नवागढ़ / शौर्यपथ / भूमिगत मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई पर चलने के बावजूद प्रशासनीक दबाव डालकर पीडि़त पक्ष को प्रताडि़त करने की शिकायत को लेकर कृष्णा ध्रुव ने राज्यपाल एवं कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन दिया है।शिकायत में कृष्णा ने उल्लेख किया कि विगत 10 जुलाई को नवागढ़ तहसीलदार द्वारा मेरे मकान व दुकान को माननीय उच्चन्यायालय के स्टे आर्डर के बाद जानकारी होने के बावजूद तोड़ दिया गया। जिसपर मकान के मुआवजे तथा तहसीलदार द्वारा न्यायालय के आदेश की अवमानना को लेकर सुनवाई चल रही है । इस मामले की शिकायत पहले भी राज्यपाल के समक्ष मैने की कुछ दिनों पहले की थी।
मामला न्यायालय के प्रक्रिया में होने के बाद भी बार बार राजनीतिक दबाव के चलते न्यायलीन मामले को नजरअंदाज करते हुए टुटे हुए मकान के मलबे को उठाने के लिए जे.सी.बी. व ट्रेक्टर लगाया गया था । जिसे पूछताछ करने पर प्रशासन का मौखिक आदेश बताया गया था, इस मामले की तत्काल में कलेक्टर के समझ शिकायत की गई थी, तब जा कर कार्य को रोका गया। इसके अतिरिक्त और भी कई बार मलबे को उठाने की कोशिश की गई है तब मेरे साथ बहस भी किया गया ।
कृष्णा ने बताया कि चूंकि मुझ गरीब आदिवासी के दुकान को तोडऩे से मेरे समक्ष रोजी - रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इसलिए मैने उसी भूमि पर टेन्ट लगाकर चाय दुकान का संचालन कर रहा हूँ लेकिन पुन: राजनीतिक दबाव कर अधिकारियों ने आकर टेन्ट को हटाने को लेकर धमकी दी और जेल भेजने की बात जबकि यह मामला न्ययालय का है । कृष्णा ने मांग किया है कि बार - बार राजनीतिक दबाव के चलते मुझ गरीब आदिवासी को प्रताडि़त करने वाले मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल सक्त कार्यवाही करने की कृपा करें ।