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मस्जिद में सभी ने एक साथ अदा की फजर की नमाज , ईद पर एक-दूसरे के गले मिल एकता का दिया संदेश

नवागढ़ / शौर्यपथ /गुरुवार को नगर में ईद का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। ईद मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा पर्व होता है। यह पर्व आपसी भाईचारे का प्रतीक है। लोग इस पर्व में एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते है। स्थानीय मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद समाज के लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर ईद की मुबारकबाद दी। सुबह से ही समाज के लोग विशेषकर बच्चे और युवा नए वेशभूषा में नजर आए। सुबह वार्ड 07 के मस्जिद में सभी ने एक साथ फजर की नमाज अदा की। इसके बाद सभी मस्जिद में ईद की नमाज के हुए एकजुट हुए। यहां इमाम साहब द्वारा ईद-उल-फितर की नमाज पढ़ाई गई।  इसके बाद ख्वाजा शेख सैफ़ुद्दीन चिश्ती र.अ. के दरगाह एवं कब्रिस्तान में फातिया पढ़ा गया। इसके बाद पूरे दिन रिश्तेदारो और एक दूसरे के घर मिलना और बधाई देने का सिलसिला चलता रहा है।

हाजी उस्मान खान ने बताया कि मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। कहा जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में सभी का मुंह मीठा करवाया गया था। इसी दिन को मीठी ईद या ईद-उल-फितर के रुप में मनाया जाता है। ईद का त्योहार लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन हर घर में सेवई बनती है। ईद के चांद के सामने दुआएं पढ़ी जाती हैं। इस खास दिन का हर मुस्लिम को इंतजार रहता है। सभी अपने प्रियजनों से गले लग उन्हें ईद की मुबारकबाद देते हैं। साथ ही पुराने गिले-शिकवे भी मिटा देते हैं।

ईद का त्यौहार बढ़ाता है आपसी भाईचारे की भावना

इमाम सलमान रज़ा ने बताया कि ईद का त्यौहार सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है। यह पर्व अमन-चैन और सौहार्द का संदेश देता है। ईद का त्यौहार साल में रमज़ान के महीने के बाद आता है। इस दिन का मुस्लिम धर्म के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। क्योंकि यह त्यौहार रमजान के पूरे महीने रोजे रखने, अल्लाह की इबादत करने के बाद नसीब होता है।


इन्होंने की नमाज अदा

इस दौरान मुतवल्ली सज्जाक हीरू क़ुरैशी, हनीफ खान, नायब इस्माइल खान, जियाउल खान, जलील खान,जिब्राइल खान, महबूब खान, लतीफ खान,नवाब खान,रसीद खान,रउफ खान, वसीम राजा खान, बशीर खान, यूनुस खान, नजीर बेग, अब्दुल रहमान खान, फिरोज खान,कादर खान, डागा खान,जाहिद अली, जुबेर खान, जुनैद खान,मोहसिन खान, शेखावत अली, शरीफ बेग, हनीफ बेग, रफीक कुरैशी सहित मुस्लिम समाज के सभी लोग शामिल हुए।

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