अधूरे नाली निर्माण से समस्या बढ़ी, ठेकेदार ने काम रोका
नवागढ़/शौर्यपथ /नगर पंचायत नवागढ़ में बस स्टैंड से महामाया मंदिर तक गौरव पथ निर्माण नगर वासियों के लिए अधूरी आस बनकर रह गई है। 3.33 करोड़ की लागत से बनने वाली इस गौरव पथ को स्वीकृत हुए करीबन 7 साल से भी ज्यादा समय हो गए हैं लेकिन अभी तक टूटे हुए सकरे मार्ग की समस्या जस तस की बनी हुई है। इस रास्ते पर गौरव पथ डबल लेन सड़क निर्माण एक सपना बनकर रह गया है।
कुछ माह पहले उक्त गौरव पथ का ठेका लेने वाली बजाज बिल्डर कंपनी कुरूद ने नाली निर्माण का कार्य शुरू किया था, परंतु कुछ मीटर ही नाली निर्माण के बाद अचानक काम बंद कर लापता हो गए। उक्त नाली निर्माण कार्य से राहगीरों की समस्या कम होने के बजाय उल्टा और भी बढ़ गई है। स्थिति यह है कि नाली निर्माण इस कदर किया गया है कि सड़क पहले से और सकरी हो गई। जहाँ पहले जैसे तैसे चार पहिया वाहन गुजर जाते थे अब तो वह भी निकलना मुश्किल हो गया हैं। हल्की-फुल्की बारिश हो जाए तो जगह-जगह पानी भरने की दिक्कत और बढ़ गई है। बिल्डर ने काम क्यों बंद किया इसका तो अता पता नहीं है लेकिन नगर वासियों की समस्या सार्वजनिक है।
नगर का सबसे व्यस्त रास्ता
उल्लेखनीय है कि बस स्टैंड से गणेश मंदिर होते हुए महामाया मंदिर के रास्ते माता पारा रोड तक यह नगर में प्रवेश का प्रमुख मार्ग है। जिसमें प्रतिदिन नवागढ़ नगर की लगभग आधी आबादी एवं आसपास के ग्रामीणों का आवागमन रहता है। इस रास्ते पर नवागढ़ के प्रसिद्ध शमी गणेश मंदिर, सिद्ध माँ महामाया मंदिर एवं माँ शारदा का मंदिर स्थित है, जिसमें अक्सर श्रद्धालुओं आना-जाना लगा रहता है। उत्तम मार्ग के व्यस्तता के मद्देनजर 3.33 करोड़ की लागत से गौरव पथ स्वीकृति हुआ जो कि कई वर्षों तक कागजी कार्यवाही में लटका रहा।
1200 मीटर की सड़क, 03 पार्ट में बनेगी
नगर पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक उस गौरव पथ की कुल लम्बाई 1200 मीटर है। जो कि 3 फेस में बनेगा। बस स्टैंड पुल से 60 किमी तक यह मार्ग 10 मीटर चौड़ाई वाला डबल लेन सड़क होगी। जिसके बाद दूसरे फेस में 60 से 130 मीटर तक अर्थात गणेश मंदिर वाला रास्ता करीबन 70 मीटर तक की लम्बाई की सड़क महज 3.5 मीटर होगी चौड़ी। फिर तीसरे फेस में 130 मीटर से महामाया माता पारा रोड तक यह सड़क पुनः 10 मीटर चौड़ाई के साथ डबल लेन रोड होगी, जिसमें मानाबंद तालाब में वॉल बनाकर मजबूती दी जाएगी । यह तो गौरव पथ का स्टीमेट है जिसे बने सालों बीत गए लेकिन कब यह जमीन पर उतरेगा यह कहा जाना मुश्किल है।
नाली बनी, समस्या बड़ी
स्थानीय अनूप यादव, संदीप गोस्वामी, जित्ते रजक आदि ने बताया कि गौरव पथ निर्माण के नाम पर हमें एक सपना दिखाया गया था, जो सालों से सपना ही रह गया है। पहले तो रास्ता कम से कम आने जाने लायक था लेकिन जब से ठेकेदार ने नाली निर्माण कराया है तब से यह रास्ता इतना सकरा हो गया है कि एक भी चारपहिया घुस जाए तो जाम की स्थिति हो जाते हैं। पानी का रुकना सड़को का टूटना तो आम बात हो गया है। यह हमे जल्द से जल्द चौड़ी सड़क मिलनी चाहिए।
" नगर में आवागमन को सुगम करने के उद्देश्य से मेरे कार्यकाल में 3.33 करोड़ की लागत से गौरव पथ निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था, जिसका टेंडर भी हो गया था। जिसके सत्ता बदली शासन बदला औऱ कमीशनखोरी के आड़ में सड़क अटका रहा। विधानसभा चुनाव आचार संहिता के पहले आनन-फानन में इस रास्ते का भूमिपूजन कर कार्य प्रारंभ तो किया गया लेकिन कुछ मीटर नाली निर्माण के बाद मामला जस का तस पड़ा है। जनप्रतिनिधियों को नगर के हित में इस सड़क को यथाशीघ्र पूर्ण करना चाहिए।"
1. गौरव पथ निर्माण कार्य की क्या स्थिति है ?
- विधानसभा चुनाव के पहले भूमि पूजन पश्चात निर्माण कार्य शुरू हो गया था, लेकिन ठेकेदार ने बिना सूचना काम बंद कर दिया, जो अभी तक रुका है।
2. कंस्ट्रक्शन कंपनी पर क्या कार्रवाई हुई ?
- कंपनी को तीन बार नोटिस दिया जा चुका है, आचार संहिता खत्म होते ही अंतिम नोटिस दिया जाएगा।
3.बीच में सड़क सकरी हो गई है, क्या कहेंगे?
- स्टीमेट में 3.5 मीटर चौड़ाई का प्रावधान है। फिर स्थानीयजनों सामंजस्य बनाकर सुगम रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है।