राजनांदगांव/शौर्यपथ ।सरकार के दो अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, एक सरकारी वाला और एक सजावटी वाला यानि एक सर्वसुविधायुक्त(स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल) और एक सुविधाहीन(शासकीय प्रथामिक और माध्यमिक अंग्रेजी माध्यम स्कूल)। एक प्रायवेट स्कूलोें की तर्ज में तो दुसरा सरकारी स्कूलों की तर्ज में संचालित हो रहा है। सरकार क्यों नही दोनो अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को समायोजित कर एक ही जगह बच्चों को पढ़ा सकती है? क्योंकि दोनो तो सरकारी स्कूल ही है और दोनो में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जा रहा है तो फिर बच्चों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? सभी बच्चों को समान अधिकार के साथ एक समान गुणवत्ता वाली शिक्षा दिया जाना चाहिए। सरकार को सुनियोजित योजना बनाना चाहिए ताकि यह भेदभावपूर्ण शिक्षा को समाप्त किया जा सके क्योंकि ऐसी शिक्षा शिक्षा अधिकार कानून का भी उल्लघंन है।