By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के राजमहल परिसर में आयोजित मीना बाजार में प्रवेश के लिए आम जनता से ₹30 टिकट वसूला जा रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन टिकटों पर न तो मूल्य अंकित है और न ही GST का कोई उल्लेख। ऐसा लग रहा है जैसे आयोजकों ने नियमों को चुटकियों में उड़ा दिया हो।
जानकारों का कहना है कि किसी भी टिकट पर उसका मूल्य स्पष्ट रूप से लिखा होना अनिवार्य है। GST रजिस्टर्ड आयोजक को तो GST दर, राशि और GSTIN नंबर भी टिकट पर अंकित करना होता है। बिना मूल्य और GST का उल्लेख करना सिर्फ उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी ही नहीं बल्कि टैक्स चोरी का ताज़ा नमूना है।
स्थानीय नागरिकों ने मजाकिया अंदाज़ में कहा, "टिकट तो लिया, पर रसीद और हिसाब-किताब कहां है? लगता है मेले में भी 'चुपके-चुपके' खेल खेला जा रहा है।" जनता की इस प्रतिक्रिया से साफ है कि आयोजकों की यह चालाकी सबको पसंद नहीं आई।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और GST नियमों के अनुसार यह स्पष्ट अवैध और अनुचित है। नागरिकों और विशेषज्ञों ने आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई और जिम्मेदारियों का हिसाब-किताब रखने की मांग की है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और GST विभाग इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और क्या मेले की इस 'टिकट ट्रिक' पर लगाम लगाई जाएगी या नहीं। जनता की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं।