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साय सरकार ने किया महिलाओं का सम्मान, मीना बजार क्यों कर रहा अपमान?

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नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। जगदलपुर के राजमहल परिसर मे लगे मीना बजार में शौचालय व्यवस्था पूरी तरह मजाक बन चुकी है। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहाँ महिला और पुरुष दोनों के लिए एक ही रास्ते से जाने की व्यवस्था की गई है। शौचालय के नाम पर सिर्फ़ त्रिपाल की झिल्ली के साथ ग्रीन पर्दा टांग दी गई है, जिसमें न दरवाज़ा है और न कोई प्राइवेसी।

स्थिति इतनी बदतर है कि वहाँ न पानी की सुविधा है, न सफाई की व्यवस्था। टॉयलेट सीट भी नाम मात्र की लगाई गई है। महिलाएँ और पुरुष दोनों को एक ही ओर से जाना पड़ता है, जिससे शर्मिंदगी और असुरक्षा की स्थिति बनी रहती है।

लाखों की भीड़ जुटने वाले मीना बाजार में इस तरह की अव्यवस्था स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है। सवाल यह उठता है कि आखिर इतने बड़े आयोजन में जिम्मेदार अधिकारी और आयोजक किस आधार पर जनता को ऐसी घटिया सुविधा दे रहे हैं?

मीना बाजार की व्यवस्थाओं को लेकर समाजसेवी करमजीत कौर ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मीना बाजार में महिलाओं के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है। वहां किसी प्रकार की चारदीवारी या दरवाजे नहीं बनाए गए हैं, केवल पर्दों के सहारे ही महिला और पुरुषों के लिए जगह विभाजित की गई है।

करमजीत कौर ने आगे कहा कि मीना बाजार प्रबंधन की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह महिलाओं की निजता और सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं देखा है कि बाजार में कार्य कर रही बच्चियां लगभग 18 वर्ष की आयु की हैं और उनकी सुरक्षा का दायित्व सीधे तौर पर बाजार संचालकों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ पर्दों के सहारे शौचालय की व्यवस्था करना बेहद असुविधाजनक और असुरक्षित है। यह न केवल महिलाओं बल्कि बालिकाओं की गरिमा के लिए भी खतरा है। अंत में उन्होंने उम्मीद जताई कि खबर के प्रकाशन के बाद मीना बाजार प्रबंधन महिलाओं और बालिकाओं के शौच के लिए उचित व सुरक्षित व्यवस्था करने की ठोस पहल करेगा।

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Last modified on Tuesday, 30 September 2025 19:19
Naresh Dewangan

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